उत्तर प्रदेश में योगी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त हो गई है. राज्य में कई वर्ष पूर्व हुए छात्रवृत्ति घोटाले के 109 मामलों में एफआईआर दर्ज करने की मंजूरी दे दी गई है. आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) ने इस संबंध में मामला दर्ज करने की सरकार से अनुमति मांगी थी.
दरअसल इटावा और मेरठ के स्कूलों में कागजी खानापूर्ति करके अल्पसंख्यक छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति की 15 करोड़ से अधिक रकम हड़प ली गई थी. उस वक्त की जांच में तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, बीएसए, समाज कल्याण विभाग के दूसरे अधिकारियों, कर्मचारियों के अलावा स्कूल संचालकों और प्रधानाचार्यों की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी.
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त हो गई है. राज्य में कई वर्ष पूर्व हुए छात्रवृत्ति घोटाले के 109 मामलों में एफआईआर दर्ज करने की मंजूरी दे दी गई है. आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) ने इस संबंध में मामला दर्ज करने की सरकार से अनुमति मांगी थी.
दरअसल इटावा और मेरठ के स्कूलों में कागजी खानापूर्ति करके अल्पसंख्यक छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति की 15 करोड़ से अधिक रकम हड़प ली गई थी. उस वक्त की जांच में तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, बीएसए, समाज कल्याण विभाग के दूसरे अधिकारियों, कर्मचारियों के अलावा स्कूल संचालकों और प्रधानाचार्यों की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी.