भारतीय संस्कृति का आधार स्तंभ रामायण है। श्रीराम ने हमें विपरीत परिस्थितियों में जीना सिखाया है। जिस दिन श्रीराम का राजतिलक किया जाना था, उसी दिन उन्हें 14 साल के वनवास पर जाना पड़ा। श्रीराम ने सौतेली मां के आदेश को स्वीकार किया और राजसिंहासन पर बैठने के बजाय वनवास चले गए। इससे बेहतर मातृ-पितृ भक्ति का उदाहरण विश्व में कहीं नहीं मिलता। श्रीराम हैं तो भारतीय संस्कृति है। अयोध्या में श्रीराम मंदिर नहीं बनेगा तो क्या पाकिस्तान में बनेगा।
भारतीय संस्कृति का आधार स्तंभ रामायण है। श्रीराम ने हमें विपरीत परिस्थितियों में जीना सिखाया है। जिस दिन श्रीराम का राजतिलक किया जाना था, उसी दिन उन्हें 14 साल के वनवास पर जाना पड़ा। श्रीराम ने सौतेली मां के आदेश को स्वीकार किया और राजसिंहासन पर बैठने के बजाय वनवास चले गए। इससे बेहतर मातृ-पितृ भक्ति का उदाहरण विश्व में कहीं नहीं मिलता। श्रीराम हैं तो भारतीय संस्कृति है। अयोध्या में श्रीराम मंदिर नहीं बनेगा तो क्या पाकिस्तान में बनेगा।