पंजाब यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान विभाग ने पूरे देश में एक ऑनलाइन सर्वेक्षण किया है, जिसमें 12 राज्यों के 400 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया है. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण लागू किए गए लाॅकडाउन में देशवासियों की मनोदशा और मानसिकता को जानने के लिए एक सर्वे किया गया. इस बात की जानकारी प्राप्त करने के लिए मनोविज्ञान विभाग की चेयरपर्सन प्रोफेसर सीमा विनायक ने यह अनोखा सर्वेक्षण किया है.
ये सर्वे कोरोना वायरस को लेकर उठाए गए कदमों और देशव्यापी लॉकडाउन के संबंध में किया गया था. सर्वे में सामने आया कि इस मुश्किल समय में भी लोग भावनात्मक और मानसिक तौर पर बेहद मजबूत हैं. सर्वे में ये भी सामने आया है कि बुजुर्ग लॉकडाउन से सबसे अधिक खुश हैं. हालांकि घरेलू हिंसा को लेकर इस सर्वे में किसी तरह की कोई जानकारी सामने नहीं आई है.
चंडीगढ़ की पंजाब यनूिवर्सिटी के मनोविज्ञान विभाग ने पूरे देश में 5 से 9 अप्रैल के बीच एक ऑनलाइन सर्वे किया गया. 6 अप्रैल से लोग इस सर्वे के साथ जुड़ना आरंभ हो गए थे. प्रोफेसर सीमा विनायक ने सर्वे को आधार बनाते हुए कहा कि इस माहौल में भी देशवासियों के हौसले काफी बुलंद है और उनमें महामारी से लड़ने के लिए सकारात्मक सोच बनी हुई हैं
पंजाब यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान विभाग ने पूरे देश में एक ऑनलाइन सर्वेक्षण किया है, जिसमें 12 राज्यों के 400 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया है. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण लागू किए गए लाॅकडाउन में देशवासियों की मनोदशा और मानसिकता को जानने के लिए एक सर्वे किया गया. इस बात की जानकारी प्राप्त करने के लिए मनोविज्ञान विभाग की चेयरपर्सन प्रोफेसर सीमा विनायक ने यह अनोखा सर्वेक्षण किया है.
ये सर्वे कोरोना वायरस को लेकर उठाए गए कदमों और देशव्यापी लॉकडाउन के संबंध में किया गया था. सर्वे में सामने आया कि इस मुश्किल समय में भी लोग भावनात्मक और मानसिक तौर पर बेहद मजबूत हैं. सर्वे में ये भी सामने आया है कि बुजुर्ग लॉकडाउन से सबसे अधिक खुश हैं. हालांकि घरेलू हिंसा को लेकर इस सर्वे में किसी तरह की कोई जानकारी सामने नहीं आई है.
चंडीगढ़ की पंजाब यनूिवर्सिटी के मनोविज्ञान विभाग ने पूरे देश में 5 से 9 अप्रैल के बीच एक ऑनलाइन सर्वे किया गया. 6 अप्रैल से लोग इस सर्वे के साथ जुड़ना आरंभ हो गए थे. प्रोफेसर सीमा विनायक ने सर्वे को आधार बनाते हुए कहा कि इस माहौल में भी देशवासियों के हौसले काफी बुलंद है और उनमें महामारी से लड़ने के लिए सकारात्मक सोच बनी हुई हैं