भोपाल के माधव राव सप्रे स्मृति समाचार पत्र संग्रहालय और उत्तरप्रदेश हिंदी संस्थान ने मिलकर हिंदी की सेवा करने वाले दो महान संपादकाचार्यों महावीर प्रसाद द्विवेद्वी और माधव राव सप्रे को याद किया । दो दिन चलने वाले इस स्मृति प्रसंग में देश भर के हिंदी सेवी, लेखक,पत्रकार,संपादक और विद्वान शिरकत कर रहे हैं ।
पहले दिन मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई ने इस जलसे का औपचारिक उदघाटन किया ।संग्रहालय के संस्थापक पद्मश्री विजय दत्त श्रीधर ने इस आयोजन का मक़सद बताया ।माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता वि वि के कुलपति के जी सुरेश ने ऐसे आयोजनों की निरंतरता पर ज़ोर दिया । उदघाटन सत्र के बाद पहले पेशेवर सत्र में उत्तरप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार साथी गौरव अवस्थी और मेरा संबोधन हुआ । अवस्थी जी ने आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेद्वी के साहित्य और पत्रकारिता में योगदान पर विस्तार से जानकारी दी । मुझे माधवराव सप्रे के अवदान पर अपने विचार रखने का अवसर मिला था ।मैने भी अपने इन पूर्वजों की परंपरा को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने की बात रखी । मैने इस बात को भी रेखांकित किया कि असल में अहिंदी भाषियों ने ही हिंदी की बड़ी सेवा की है ।
सत्र की अध्यक्षता कर रहीं उत्तरप्रदेश हिंदी संस्थान की प्रधान संपादक डॉक्टर अमिता दुबे ने आज की भाषा पर चिंता प्रकट की और हिंदी की सेवा करने वाले मनीषियों के प्रति कृतज्ञता अर्पित की । सत्र का सफल संचालन सक्रिय पत्रकार ममता यादव ने किया । चित्र इसी अवसर के हैं ।