ताइवान में आज राष्ट्रपति चुनाव के लिए लाखों लोग मतदान करेंगे. इस बीच मतदाताओं पर यह दबाव होगा कि कहीं वे किसी गलत नेता को न चुन लें, जिससे स्व-शासित द्वीप पर युद्ध का मंच तैयार हो जाए. मतदान से पहले बीजिंग ने मतदान से पहले मौजूदा उपराष्ट्रपति लाई चिंग-ते को एक खतरनाक "अलगाववादी" बताया.
ताइवान में आज राष्ट्रपति चुनाव (Taiwan Election) के लिए लाखों लोग मतदान करेंगे. इस बीच मतदाताओं पर यह दबाव होगा कि कहीं वे किसी गलत नेता को न चुन लें, जिससे स्व-शासित द्वीप पर युद्ध का मंच तैयार हो जाए. मतदान से पहले बीजिंग ने मतदान से पहले मौजूदा उपराष्ट्रपति लाई चिंग-ते को एक खतरनाक "अलगाववादी" बताया और मतदाताओं को चेतावनी दी कि यदि वे सैन्य संघर्ष से बचना चाहते हैं, तो "सही विकल्प" चुनें. लाई चिंग-ते लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं, उनके चुनाव जीतने की काफी संभावना जताई जा रही है.
कम्युनिस्ट चीन 180 किलोमीटर (110 मील) जलडमरूमध्य द्वारा मुख्य भूमि से अलग हुए स्व-शासित ताइवान पर अपना दावा करता है. चीन कहता है कि वह ताइवान को अपने साथ लाने के लिए बल का प्रयोग नहीं करेगा, चाहे किसे कितना भी इंतजार करना पड़ा. ऐसे में हरे द्वीप के लगभग 18,000 मतदान केंद्रों पर सुबह 8:00 बजे (0000 GMT) मतदान शुरू हुआ, जिसमें लगभग 2 करोड़ मतदान अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.
ताइवान में राष्ट्रपति और नई संसद के चुनाव के लिए मतदान जारी है। यह चुनाव अगले चार वर्ष तक चीन-ताइवान संबंधों की दिशा तय करेगा।
ताइवान पर चीन के दावे को खारिज करने वाली सत्तारूढ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी तीसरी बार सत्ता में आने का प्रयास कर रही है। उसने निवर्तमान राष्ट्रपति साई इंग-वेन के उत्तराधिकारी के तौर पर उप-राष्ट्रपति लाइ चिंग-ते को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है।
चीन ने लाइ चिंग-ते को कट्टर अलगाववादी नेता बताया है और बार-बार अनुरोध के बावजूद उनसे बातचीत से इनकार कर दिया है। चीन का कहना है कि मतदाताओं के लिए यह चुनाव युद्ध और शांति में से किसी एक के चयन का अवसर है।
ताइवान में यह चुनाव एक ऐसे समय में हो रहा है जब चीन ने ताइवान पर चीन की संप्रभुता को स्वीकार करने का दबाव बढ़ा दिया है।
मतदान स्थानीय समय के अनुसार दोपहर बाद चार बजे समाप्त होगा। इसके कुछ ही देर बाद परिणाम के रुझान प्राप्त होने शुरु हो जाएंगे।
इस बीच, ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि आज सुबह ताइवान के संवेदनशील खाड़ी क्षेत्र में एक बार फिर चीनी गुब्बारे देखे गए हैं।