सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को फैसला सुनाया कि दृष्टिबाधित उम्मीदवार न्यायिक सेवाओं के तहत पद के लिए चयन में भाग लेने के पात्र हैं. साथ ही कहा कि केवल विकलांगता के कारण किसी भी उम्मीदवार को विचार से वंचित नहीं किया जा सकता है.
यह फैसला न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने सुनाया. पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति महादेवन ने कहा कि अधिकार आधारित दृष्टिकोण के लिए यह आवश्यक है कि दिव्यांग व्यक्तियों को न्यायिक सेवाओं के अवसरों की तलाश में किसी भी तरह के भेदभाव का सामना न करना पड़े. उन्होंने कहा कि समावेशी ढांचा प्रदान करने के लिए राज्य की ओर से सकारात्मक कार्रवाई होनी चाहिए.