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Added on : 2025-03-20 15:25:47

भोपाल । भारत में हिन्‍दी भाषा और देवनागरी लिपि के व्‍यापक प्रचार -प्रसार के उद्देश्‍य से स्‍थापित हिन्‍दी साहित्‍य सम्‍मेलन प्रयाग का 76वां अधिवेशन 21-23 मार्च, 2025 को आणन्‍द, गुजरात में होने जा रहा है। अधिवेशन के अंतर्गत 22 मार्च को आयोजित ‘राष्‍ट्रभाषा परिषद’ के सभापति का दायित्‍व सप्रे संग्रहालय के संस्‍थापक विजयदत्‍त श्रीधर को सौंपा गया है। 23 मार्च को अधिवेशन के समापन समारोह में श्री श्रीधर को सम्‍मेलन की सर्वोच्‍च उपाधि ‘साहित्‍य वाचस्‍पति सम्‍मान’ से अलंकृत किया जाएगा। 

हिन्‍दी साहित्‍य सम्‍मेलन प्रयाग की स्‍थापना महामना पं. मदनमोहन मालवीय की अध्‍यक्षता में सन् 1910 में हुई। राजर्षि पुरुषोत्‍तमदास टंडन सम्‍मेलन के प्रधानमंत्री थे। महात्‍मा गांधी, डा. राजेन्‍द्र प्रसाद, गणेश शंकर विद्यार्थी प्रभृति महापुरुषों ने सम्‍मेलन की अध्‍यक्षता कर उसके उद्देश्‍यों को वरीयता और गौरव प्रदान किया। मध्‍यप्रदेश के महापुरुषों में विष्‍णुदत्‍त शुक्‍ल, माधवराव सप्रे, माखनलाल चतुर्वेदी, सेठ गोविंददास ने भी सम्‍मेलन के अध्‍यक्ष पद को सुशोभित किया। 

 पूर्व में पत्रकारिता इतिहास के गहन अध्‍येता और भारतीय भाषा सत्‍याग्रह के सूत्रधार श्री विजयदत्‍त श्रीधर को पद्मश्री अलंकरण (2012), ‘भारतेन्‍दु हरिश्‍चन्‍द्र पुरस्‍कार’ (2011), मध्‍यप्रदेश का ‘महर्षि वेदव्‍यास सम्‍मान’ (2013) और छत्‍तीसगढ़ का ‘माधवराव सप्रे राष्‍ट्रीय रचनात्‍मकता सम्‍मान’ (2015) से सम्‍मा‍नित किया गया है। भारतीय पत्रकारिता कोश, पहला संपादकीय, माधवराव सप्रे रचना संचयन, समकालीन हिन्‍दी पत्रकारिता, विश्‍ववंद्य गांधी, एक भारतीय आत्‍मा, संपादकाचार्य नारायण दत्‍त और कर्मवीर के सौ साल आपकी बहुपठित पुस्‍तकें हैं। सितंबर, 1981 से पत्रकारिता एवं जनसंचार और विज्ञानसंचार की शोध पत्रिका ‘आंचलिक पत्रकार’ का संपादन कर रहे हैं। आप माखनलाल चतुर्वेदी राष्‍ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्‍वविद्यालय में शोध निदेशक (2005-10) भी रहे हैं। 

 अपनी भाषा पर अभिमान, सब भाषाओं का सम्‍मान’ की भाव-भूमि पर केन्द्रित भारतीय भाषा सत्‍याग्रह के अंतर्गत तीन आयामों पर आप मध्‍यप्रदेश में एक बड़ी टीम के साथ कार्यरत हैं। पहला आयाम है ‘हिन्‍दी और जनपदों की समृद्ध लोकभाषाएं‘, दूसरा आयाम है ‘हिन्‍दी और समुन्‍नत भारतीय भाषाएं‘, तीसरा आयाम है ‘हिन्‍दी और प्रमुख विश्‍व भाषाएं‘, भारतीय भाषा सत्‍याग्रह परस्‍पर स्‍वीकार्यता पर आधारित सकारात्‍मक अनुष्‍ठान है। इस विषय में श्री विजयदत्‍त श्रीधर हिन्‍दी साहित्‍य सम्‍मेलन प्रयाग के आणन्‍द अधिवेशन में प्रस्‍ताव भी प्रस्‍तुत करेंगे। उल्‍लेखनीय है कि भारतीय भाषा सत्‍याग्रह के मार्गदर्शक की भूमिका आचार्य डा. सूर्यप्रसाद दीक्षित और आचार्य डा. रामाश्रय रत्‍नेश निभा रहे हैं।

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