उच्चतम न्यायालय में समलैंगिक विवाह को कानूनी मंजूरी देने संबंधी याचिकाओं के सफल न होने के मुद्दे पर प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने सोमवार को कहा कि किसी मामले का परिणाम किसी न्यायाधीश के लिए व्यक्तिगत नहीं होता और उन्हें इस बारे में कोई पछतावा नहीं है. देश के 50वें प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) ने पीटीआई-भाषा के साथ एक विशेष साक्षात्कार में स्वीकार किया कि समलैंगिक जोड़ों ने अपने अधिकारों की प्राप्ति के लिए 'लंबी और कठिन लड़ाई' लड़ी, लेकिन न्यायाधीश खुद को किसी मुद्दे से नहीं जोड़ते हैं, और अब मामले का फैसला हो चुका है, इसलिए उन्होंने इसे वहीं छोड़ दिया है.