दिग्गज कारोबारी और वेदांता रिसोर्सेज के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने मोदी सरकार को रोजगार सृजन के मामले में सुझाव देते हुए कहा कि, पांच माइनिंग कंपनियों का निजीकरण करने पर सरकार को हर साल 28 लाख करोड़ रुपये (400 अरब डॉलर) का फायदा हो सकता है. सरकार इतनी रकम खनन उत्पादों के आयात पर हर साल खर्च कर रही है. साथ ही उन्हों ने कहा माइनिंग के 200 ब्लॉक तत्काल प्रभाव से स्वीकृत होने जरूरी हैं. कोयले, बक्साइट, कॉपर और लौह अयस्क के बड़े ब्लॉकों की नीलामी तत्काल प्रभाव से की जानी चाहिए. माइनिंग बढ़ने से सरकारी कोष में 30 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम आ सकती है और इससे दो करोड़ रोजगारों का सृजन होगा.
दिग्गज कारोबारी और वेदांता रिसोर्सेज के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने मोदी सरकार को रोजगार सृजन के मामले में सुझाव देते हुए कहा कि, पांच माइनिंग कंपनियों का निजीकरण करने पर सरकार को हर साल 28 लाख करोड़ रुपये (400 अरब डॉलर) का फायदा हो सकता है. सरकार इतनी रकम खनन उत्पादों के आयात पर हर साल खर्च कर रही है. साथ ही उन्हों ने कहा माइनिंग के 200 ब्लॉक तत्काल प्रभाव से स्वीकृत होने जरूरी हैं. कोयले, बक्साइट, कॉपर और लौह अयस्क के बड़े ब्लॉकों की नीलामी तत्काल प्रभाव से की जानी चाहिए. माइनिंग बढ़ने से सरकारी कोष में 30 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम आ सकती है और इससे दो करोड़ रोजगारों का सृजन होगा.