आयरन मैन फ्रेंचाइजी से प्रभावित होकर एक पार्ट टाइम कर्मचारी ने आयरन मैन सूट को डेवलप किया है। इस कर्मचारी का दावा है कि इस सूट को बनाने का मकसद इंडियन आर्मी सोल्जर की मदद करना है, जिससे वह अपने दुश्मनों को बचाव कर सके। यह शख्स वाराणासी में एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी में कार्यरत है। इस शख्स का नाम श्याम चौरसिया है, जो अशोका इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट में काम करता है।
इस सूट को बनाने वाले शख्स के मुताबिक इस सूट को बनाने में गियर और मोटर्स का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा इसमें मोबाइल कनेक्शन भी है, जिससे इसे रिमोटली इस्तेमाल किया जा सकता है। इस सूट में सेंसर भी हैं जो जवानों को उस समय मदद करेंगे जब उन पर कोई पीछे से हमला करने वाला होगा। अभी इस सूट को जुगाड़ टेक्नोलॉजी के साथ निर्मित किया गया है, लेकिन अधिक फंड से इसके वर्किंग मॉडल को बेहतर बनाया जा सकता है।
आयरन मैन फ्रेंचाइजी से प्रभावित होकर एक पार्ट टाइम कर्मचारी ने आयरन मैन सूट को डेवलप किया है। इस कर्मचारी का दावा है कि इस सूट को बनाने का मकसद इंडियन आर्मी सोल्जर की मदद करना है, जिससे वह अपने दुश्मनों को बचाव कर सके। यह शख्स वाराणासी में एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी में कार्यरत है। इस शख्स का नाम श्याम चौरसिया है, जो अशोका इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट में काम करता है।
इस सूट को बनाने वाले शख्स के मुताबिक इस सूट को बनाने में गियर और मोटर्स का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा इसमें मोबाइल कनेक्शन भी है, जिससे इसे रिमोटली इस्तेमाल किया जा सकता है। इस सूट में सेंसर भी हैं जो जवानों को उस समय मदद करेंगे जब उन पर कोई पीछे से हमला करने वाला होगा। अभी इस सूट को जुगाड़ टेक्नोलॉजी के साथ निर्मित किया गया है, लेकिन अधिक फंड से इसके वर्किंग मॉडल को बेहतर बनाया जा सकता है।