स्मृति ईरानी ने सऊदी अरब के हज और उमरा मामलों के मंत्री से बिना मेहरम के हज यात्रा करने के लिए महिलाओं को प्रोत्साहित करने की अपील की। स्मृति समझौते के लिए 7 जनवरी को जेद्दा में थीं। उसी दिन उन्होंने जेद्दा के ऐतिहासिक स्थल अल-बलाद का दौरा किया जिसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित कर रखा है।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने मंगलवार को यहां तीसरे हज एवं उमरा सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में भाग लिया. ईरानी ने सऊदी अरब के हज एवं उमरा मामलों के मंत्री तौफीक बिन फौजान अल राबिया के साथ भारतीय हज यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने पर सहयोग के लिए संभावनाओं पर चर्चा की. ईरानी के साथ विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन भी थे. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सत्र के दौरान विचारों और सूचनाओं का आदान-प्रदान भारतीय हज यात्रियों के लिए इस यात्रा के अनुभव को बेहतर बनाने में उपयोगी साबित होगा.
स्मृति ईरानी मोदी सरकार की उन मंत्रियों में शुमार हैं जो काफी सक्रिय रहती हैं। यूं तो खुद प्रधानमंत्री की सक्रियता लाजवाब है, लेकिन स्मृति ईरानी इन दिनों सुपर ऐक्टिव दिख रही हैं। वो लगातार देश-विदेश के दौरे कर रही हैं। वो कभी सरकार तो कभी पार्टी के काम से यहां-वहां की भागदौड़ कर रही हैं। स्मृति की इसी चुस्ती-फुर्ती की वजह से उनकी छवि एक तेज-तर्रार नेता की बनी है। अगर बीते कुछ दिनों की उनकी गतिविधियों पर नजर डालें तो वो सऊदी अरब से स्विट्जरलैंड तक पहुंच चुकी हैं। इस बीच वो पटना और अमेठी भी हो आईं।
केंद्रीय महिला एवं कल्याण और अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी और विदेशी राज्य मंत्री वी मुरलीधरन सऊदी की राजधानी जेद्दा के दो दिवसीय दौरे पर हैं. सोमवार को उन्होंने मदीना का दौरा किया, जहां उन्होंने हज यात्रियों को सेवा देने वाले भारतीय वॉलिंटियर्स से मुलाकात की और भारत के उमरा तीर्थयात्रियों के साथ बातचीत की.
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपने मदीना दौरे की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कर मंगलवार को बताया कि आज इस्लाम के सबसे पवित्र शहरों में से एक मदीना की ऐतिहासिक यात्रा की. जिसमें पैगंबर की मस्जिद, अल मस्जिद अल नबवी, उहुद के पहाड़ और क्यूबा मस्जिद का भी दौरा किया.
उन्होंने आगे कहा, "सऊदी अधिकारियों के सौजन्य से इन स्थलों की यात्रा का महत्व, प्रारंभिक इस्लामी इतिहास से जुड़ा हुआ है जो हमारे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जुड़ाव की गहराई को दिखाता है.