एयरपोर्ट पर दो 'गुजरातियों' का पंजाबी बोलना, उन्हें महंगा पड़ गया। दरअसल ये दोनों पंजाबी है जो फर्जी गुजराती पासपोर्ट पर विदेश जानी की कोशिश कर रहे थे। मंगलवार को सहर पुलिस ने उन्हें मुंबई के सहर एयरपोर्ट से अरेस्ट किया। दोनों बैंकॉक की फ्लाइट पकड़ने वाले थे, उनके पासपोर्ट्स पर गुजराती नाम अंकित थे और वे बातें पंजाबी में कर रहे थे। 32 साल के अमन सिंह और 36 वर्षीय मगर सिंह पर इमिग्रेशन अधिकारियों को तब शक हुआ, जब उन्होंने उन्हें पंजाबी भाषा में बात करते सुना। जब अधिकारियों ने उन्हें साइड में बुलाकर गुजराती बोलने को कहा तो वे नहीं बोल पाए।
साफ हो गया कि दोनों फर्जी पासपोर्ट पर देश से बाहर जाने की फिराक में थे। शुरुआती जांच में पता चला है कि दोनों बैंकॉक में अपना कारोबार शुरू करने वाले थे। वहां सेटल होने के बाद उन दोनों का प्लान ब्रिटेन शिफ्ट होने का था। किसी ने उन्हें बताया था कि थाइलैंड से वीजा लेना भारत के मुकाबले आसान है। पुलिस को शक है कि जिस एजेंट ने दोनों के फर्जी पासपोर्ट बनवाए, उसके तार किसी बड़े रैकेट से जुड़े हैं।
एयरपोर्ट पर दो 'गुजरातियों' का पंजाबी बोलना, उन्हें महंगा पड़ गया। दरअसल ये दोनों पंजाबी है जो फर्जी गुजराती पासपोर्ट पर विदेश जानी की कोशिश कर रहे थे। मंगलवार को सहर पुलिस ने उन्हें मुंबई के सहर एयरपोर्ट से अरेस्ट किया। दोनों बैंकॉक की फ्लाइट पकड़ने वाले थे, उनके पासपोर्ट्स पर गुजराती नाम अंकित थे और वे बातें पंजाबी में कर रहे थे। 32 साल के अमन सिंह और 36 वर्षीय मगर सिंह पर इमिग्रेशन अधिकारियों को तब शक हुआ, जब उन्होंने उन्हें पंजाबी भाषा में बात करते सुना। जब अधिकारियों ने उन्हें साइड में बुलाकर गुजराती बोलने को कहा तो वे नहीं बोल पाए।
साफ हो गया कि दोनों फर्जी पासपोर्ट पर देश से बाहर जाने की फिराक में थे। शुरुआती जांच में पता चला है कि दोनों बैंकॉक में अपना कारोबार शुरू करने वाले थे। वहां सेटल होने के बाद उन दोनों का प्लान ब्रिटेन शिफ्ट होने का था। किसी ने उन्हें बताया था कि थाइलैंड से वीजा लेना भारत के मुकाबले आसान है। पुलिस को शक है कि जिस एजेंट ने दोनों के फर्जी पासपोर्ट बनवाए, उसके तार किसी बड़े रैकेट से जुड़े हैं।