Know your world in 60 words - Read News in just 1 minute
हॉट टोपिक
Select the content to hear the Audio

Added on : 2017-04-01 19:04:38

प्राइवेट बैंकों की तरह स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने मंथली ऐवरिज बैलेंस सिस्टम लागू कर दिया है। इसके तहत मेट्रो शहरों में कस्टमर को 10,000 रुपये का बैलेंस मेनटेन करना होगा। इन शहरों में नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नै, हैदराबाद और बेंगलुरू शामिल हैं। शहरी ब्रांच के कस्टमर के लिए 3000 रुपये, छोटे शहरों के लिए 2000 रुपये और ग्रामीण ब्रांच के लिए 1000 रुपये मंथली ऐवरिज बैंलेंस रखना जरूरी होगा।
याद रखें कि एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक कम बैलेंस होने पर 150 से 600 रुपये तक पेनल्टी लेते हैं। सभी बैंक अपनी ब्रांच की कैटिगरी के हिसाब से मिनिमम बैलेंस तय करते हैं।
बैंक हमेशा ऐवरिज मंथली बैलेंस का हिसाब रखते हैं। मतलब आपके अकाउंट में हर वक्त 10 हजार रुपये होना जरूरी नहीं है। आप उससे कम बैलेंस रखकर भी पेनल्टी से बच सकते हैं। तो अगर आप पेनल्टी से बचना चाहते हैं तो यह स्ट्रैटजी अपनाएं:
कई बैंक अपने कस्टमर को एफडी के बदले सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं करने की छूट देते हैं। मिसाल के तौर पर एचडीएफएसी बैंक अपने रेग्युलर सेविंग अकाउंट में रूरल ब्रांच के कस्टमर को यह सुविधा देता है। बैंक ने रेग्युलर सेविंग अकाउंट पर मिनिमम बैलेंस की लिमिट 10 हजार रुपये रखी है। अगर कस्टमर 10 हजार रुपये की एफडी कम से कम एक साल और एक दिन के लिए करा लेता है, तो उसे मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने से छूट मिल जाती है।
मिनिमम बैलेंस को लेकर अकाउंट होल्डर्स में कई तरह के कंफ्यूजन रहते हैं। जैसे अगर किसी बैंक की मिनिमम बैलेंस लिमिट 10 हजार रुपये है, तो वह यह समझते हैं कि अकाउंट में हर वक्त 10 हजार रुपए होना जरूरी है। असल में ऐसा नहीं है। बैंक हमेशा ऐवरिज मंथली बैलेंस को कैलकुलेट करते हैं।
इसे ऐसे समझ सकते हैं, अगर बैंक ने मिनिमम बैलेंस की लिमिट 5000 रुपये रखी है। डेली मंथली ऐवरिज 5000 रुपये महीने के आखिर में होना चाहिए। मान लीजिए कि अकाउंट में किसी एक दिन 1.5 लाख रुपये हैं। तो इसका सीधा मतलब है कि पूरे महीने का ऐवरिज मंथली बैलेंस उस दिन के जरिए पूरा हो जाएगा। दरअसल, अगर बैंक एक महीने में 30 दिन के आधार पर कैलकुलेशन करेगा, तो वह 5000 रुपये के ऐवरिज बैलेंस के आधार पर 1.5 लाख रुपये होगा। ऐसे में एक दिन के बाद अगर यह पूरा पैसा निकाल भी लेते हैं तो पूरे महीने बाकी दिन अकाउंट में जीरो बैंलेंस होने पर भी आपको पेनल्टी नहीं देनी पड़ेगी।
इसी तरह मान लीजिए कि किसी के बैंक अकाउंट में 50 हजार रुपये है और बैंक की मिनिमम बैंलेंस लिमिट 5000 रुपये है तो आगे दी गई स्ट्रैटिजी पेनल्टी देने से बचाएगी। बैंक अकाउंट में एक बार में 50 हजार रुपये जमा होने पर आपकी 10 दिन का बैलेंस मेंटेन करने की जरूरत पूरी हो जाएगी। ऐसे में जरूरत के समय अगले 10 दिन में पूरी रकम निकाल कर यूज कर सकते हैं। लेकिन 10 दिन पूरे होने के बाद आपको 11 वें दिन फिर से 50 हजार की रकम डिपॉजिट करनी होगी। इससे अगले 10 दिन का बैलेंस मेंटेन हो जाए।
इसका मतलब है कि आप तीन दिन 50 हजार रुपये बैंक अकाउंट में रखकर पूरे महीने के लिए ऐवरिज मंथली बैलेंस मेंटेन कर सकते हैं। ये तीन दिन महीने का पहला, 11वां, और 21वां दिन होना चाहिए, जिनमें अकाउंट में 50 हजार रुपये जरूर हों। वैसे, इतना गुणा-भाग करने से आसान है कि आप मिनिमम बैलेंस की लिमिट के बराबर पैसा अकाउंट में हर वक्त मेंटेन रखें।

प्राइवेट बैंकों की तरह स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने मंथली ऐवरिज बैलेंस सिस्टम लागू कर दिया है। इसके तहत मेट्रो शहरों में कस्टमर को 10,000 रुपये का बैलेंस मेनटेन करना होगा। इन शहरों में नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नै, हैदराबाद और बेंगलुरू शामिल हैं। शहरी ब्रांच के कस्टमर के लिए 3000 रुपये, छोटे शहरों के लिए 2000 रुपये और ग्रामीण ब्रांच के लिए 1000 रुपये मंथली ऐवरिज बैंलेंस रखना जरूरी होगा।
याद रखें कि एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक कम बैलेंस होने पर 150 से 600 रुपये तक पेनल्टी लेते हैं। सभी बैंक अपनी ब्रांच की कैटिगरी के हिसाब से मिनिमम बैलेंस तय करते हैं।
बैंक हमेशा ऐवरिज मंथली बैलेंस का हिसाब रखते हैं। मतलब आपके अकाउंट में हर वक्त 10 हजार रुपये होना जरूरी नहीं है। आप उससे कम बैलेंस रखकर भी पेनल्टी से बच सकते हैं। तो अगर आप पेनल्टी से बचना चाहते हैं तो यह स्ट्रैटजी अपनाएं:
कई बैंक अपने कस्टमर को एफडी के बदले सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं करने की छूट देते हैं। मिसाल के तौर पर एचडीएफएसी बैंक अपने रेग्युलर सेविंग अकाउंट में रूरल ब्रांच के कस्टमर को यह सुविधा देता है। बैंक ने रेग्युलर सेविंग अकाउंट पर मिनिमम बैलेंस की लिमिट 10 हजार रुपये रखी है। अगर कस्टमर 10 हजार रुपये की एफडी कम से कम एक साल और एक दिन के लिए करा लेता है, तो उसे मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने से छूट मिल जाती है।
मिनिमम बैलेंस को लेकर अकाउंट होल्डर्स में कई तरह के कंफ्यूजन रहते हैं। जैसे अगर किसी बैंक की मिनिमम बैलेंस लिमिट 10 हजार रुपये है, तो वह यह समझते हैं कि अकाउंट में हर वक्त 10 हजार रुपए होना जरूरी है। असल में ऐसा नहीं है। बैंक हमेशा ऐवरिज मंथली बैलेंस को कैलकुलेट करते हैं।
इसे ऐसे समझ सकते हैं, अगर बैंक ने मिनिमम बैलेंस की लिमिट 5000 रुपये रखी है। डेली मंथली ऐवरिज 5000 रुपये महीने के आखिर में होना चाहिए। मान लीजिए कि अकाउंट में किसी एक दिन 1.5 लाख रुपये हैं। तो इसका सीधा मतलब है कि पूरे महीने का ऐवरिज मंथली बैलेंस उस दिन के जरिए पूरा हो जाएगा। दरअसल, अगर बैंक एक महीने में 30 दिन के आधार पर कैलकुलेशन करेगा, तो वह 5000 रुपये के ऐवरिज बैलेंस के आधार पर 1.5 लाख रुपये होगा। ऐसे में एक दिन के बाद अगर यह पूरा पैसा निकाल भी लेते हैं तो पूरे महीने बाकी दिन अकाउंट में जीरो बैंलेंस होने पर भी आपको पेनल्टी नहीं देनी पड़ेगी।
इसी तरह मान लीजिए कि किसी के बैंक अकाउंट में 50 हजार रुपये है और बैंक की मिनिमम बैंलेंस लिमिट 5000 रुपये है तो आगे दी गई स्ट्रैटिजी पेनल्टी देने से बचाएगी। बैंक अकाउंट में एक बार में 50 हजार रुपये जमा होने पर आपकी 10 दिन का बैलेंस मेंटेन करने की जरूरत पूरी हो जाएगी। ऐसे में जरूरत के समय अगले 10 दिन में पूरी रकम निकाल कर यूज कर सकते हैं। लेकिन 10 दिन पूरे होने के बाद आपको 11 वें दिन फिर से 50 हजार की रकम डिपॉजिट करनी होगी। इससे अगले 10 दिन का बैलेंस मेंटेन हो जाए।
इसका मतलब है कि आप तीन दिन 50 हजार रुपये बैंक अकाउंट में रखकर पूरे महीने के लिए ऐवरिज मंथली बैलेंस मेंटेन कर सकते हैं। ये तीन दिन महीने का पहला, 11वां, और 21वां दिन होना चाहिए, जिनमें अकाउंट में 50 हजार रुपये जरूर हों। वैसे, इतना गुणा-भाग करने से आसान है कि आप मिनिमम बैलेंस की लिमिट के बराबर पैसा अकाउंट में हर वक्त मेंटेन रखें।

आज की बात

हेडलाइंस

अच्छी खबर

शर्मनाक

भारत

दुनिया