अमेरीका की प्रतिष्ठित टाइम मैगजीन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर को कवर फोटो के रूप में लिया है। हालांकि, इस बार विदेशी मीडिया में पीएम मोदी को लेकर फील गुड फैक्टर का आभाव दिखाई दे रहा है। पत्रिका ने पीएम मोदी की इस फोटो के साथ विवादित शीर्षक दिया है।
टाइम मैगजीन में पीएम की फोटो के साथ ही उन्हें इडिया का डिवाइडर इन चीफ है। लोकसभा चुनाव के बीच इस पत्रिका की तस्वीर और खबर को लेकर विवाद होने की आशंका है। मैगजीन में प्रधनमंत्री नरेन्द्र मोदी को इंडिया का डिवाइडर इन चीफ यानि भारत को बांटने वाला प्रमुख व्यक्ति बताया गया है।
पीएम पर लिखे आर्टिकल में भाजपा के हिंदुत्व की राजनीति का हवाला दिया गया है। लेखक के अनुसार भाजपा की हिंदुत्व की राजनीति के कारण वोटरों के ध्रुवीकरण की बात कही गई है।
आर्टिकल के शुरुआत में ही लिखा गया है कि महान लोकतंत्रो का पोपुलरिज्म की तरह झुकाव, भारत इस दिशा में पहला लोकतंत्र होगा।
कवर स्टारी का शीर्षक है, 'क्या दुनिया की सबसे बडा लोकतंत्र मोदी सरकार को फिर पांच साल के लिए भुगतेगा?' स्टोरी के लेखक आतिश तासीर लोकतंत्रों में बढते पोपुलरिज्म की बात करते है। वे तुर्की, ब्राजीलस ब्रिटेन और अमेरिका का भी हवाला देते है।
अमेरीका की प्रतिष्ठित टाइम मैगजीन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर को कवर फोटो के रूप में लिया है। हालांकि, इस बार विदेशी मीडिया में पीएम मोदी को लेकर फील गुड फैक्टर का आभाव दिखाई दे रहा है। पत्रिका ने पीएम मोदी की इस फोटो के साथ विवादित शीर्षक दिया है।
टाइम मैगजीन में पीएम की फोटो के साथ ही उन्हें इडिया का डिवाइडर इन चीफ है। लोकसभा चुनाव के बीच इस पत्रिका की तस्वीर और खबर को लेकर विवाद होने की आशंका है। मैगजीन में प्रधनमंत्री नरेन्द्र मोदी को इंडिया का डिवाइडर इन चीफ यानि भारत को बांटने वाला प्रमुख व्यक्ति बताया गया है।
पीएम पर लिखे आर्टिकल में भाजपा के हिंदुत्व की राजनीति का हवाला दिया गया है। लेखक के अनुसार भाजपा की हिंदुत्व की राजनीति के कारण वोटरों के ध्रुवीकरण की बात कही गई है।
आर्टिकल के शुरुआत में ही लिखा गया है कि महान लोकतंत्रो का पोपुलरिज्म की तरह झुकाव, भारत इस दिशा में पहला लोकतंत्र होगा।
कवर स्टारी का शीर्षक है, 'क्या दुनिया की सबसे बडा लोकतंत्र मोदी सरकार को फिर पांच साल के लिए भुगतेगा?' स्टोरी के लेखक आतिश तासीर लोकतंत्रों में बढते पोपुलरिज्म की बात करते है। वे तुर्की, ब्राजीलस ब्रिटेन और अमेरिका का भी हवाला देते है।