जब कोई भारत में एक "गांव" के बारे में बात करता है, तो जो ज़हन में सिर्फ आता है कच्चे मकान, ईट की दीवारे, खेत और गाय भैंस गोबर | लेकिन, गुजरात के धर्मज गाँव के लिए ऐसा नहीं है, जहाँ बीएमडब्लू और मर्सिडीज कार एक आम बात है।
इस गांव को शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में सबसे अच्छा माना जाता है, जिसमे से एक ना एक मेम्बर विदेश में बसा हुआ है |
गाँव के 1,500 से अधिक परिवार विदेश में बसे हैं
आनंद जिल्ला में बसा हुआ धर्मज नामक गाँव में 11,333 की संख्या में लोग बसे है, और इसके साथ ही साथ इस गाँव में 13 बैंकों की शाखाएं भी है | वर्ष 2018 की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस गांव से लगभग 1,700 परिवार ब्रिटेन में, अमेरिका में 1,000 परिवार, कनाडा में 400, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में 400-400 और अफ्रीकी में 150 परिवार बसे हुए हैं।
विकास: गांव में एनआरआई जमा राशि 1,000 करोड़ से अधिक
धर्मज की सबसे बड़ी विशेषता इसकी समृद्धि है। गांव ने बिना किसी सरकारी मदद के इतना कुछ किया है। कहा जाता है के विदेशों में रह रहे धर्मज परिवार के लोग धर्मज गाँव के विकास के लिए पैसा भेजते रहते हैं और पिछले कई दशकों से ऐसा कर रहे हैं। एनआरआई धर्मज में बैंकों और डाकघरों में अपना पैसा जमा करते है, आज जमा किये पैसो की कीमत 1000 करोड़ से ज्यादा हो गयी है |
लाइफस्टाइल: गांव में 3,000 से अधिक पाटीदार परिवार राजा जैसा जीवन जी रहे है
2014 में, इस गाँव के बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा में करीब रु 125 करोड़, उसके बाद देना बैंक रु 100 करोड़ की जमा राशि पायी गयी थी | माना जाता है, सन 1959 में देना बैंक की शाखा सबसे पहले खुली थी और करीब 3,000 पाटीदार परिवार बसा हुआ है जोकि राजाओ का जीवन जी रहा है, पाटीदार असाधारण कारों में यात्रा करना पसंद करते हैं।
सुविधाएं: गांव में छोटी गलियों में उचित स्ट्रीट लाइट हैं
आत्मनिर्भर गांव में ऐसी सुविधाएं हैं जो शहरों को शर्मसार कर देंगी। बुनियादी ढांचे में शुद्ध पेयजल, भूमिगत जल निकासी व्यवस्था और टार रोड शामिल हैं, जबकि गलियां पत्थर की हैं। और, कई शहरों के विपरीत, यहां की सबसे छोटी और दूर की गलियां उचित स्ट्रीट लाइट मोहल्ले को रोशन कर देती है । यह एनआरआई-समृद्ध गाँव राज्य और देश के सबसे साक्षर गाँवों में से एक है।
जब कोई भारत में एक "गांव" के बारे में बात करता है, तो जो ज़हन में सिर्फ आता है कच्चे मकान, ईट की दीवारे, खेत और गाय भैंस गोबर | लेकिन, गुजरात के धर्मज गाँव के लिए ऐसा नहीं है, जहाँ बीएमडब्लू और मर्सिडीज कार एक आम बात है।
इस गांव को शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में सबसे अच्छा माना जाता है, जिसमे से एक ना एक मेम्बर विदेश में बसा हुआ है |
गाँव के 1,500 से अधिक परिवार विदेश में बसे हैं
आनंद जिल्ला में बसा हुआ धर्मज नामक गाँव में 11,333 की संख्या में लोग बसे है, और इसके साथ ही साथ इस गाँव में 13 बैंकों की शाखाएं भी है | वर्ष 2018 की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस गांव से लगभग 1,700 परिवार ब्रिटेन में, अमेरिका में 1,000 परिवार, कनाडा में 400, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में 400-400 और अफ्रीकी में 150 परिवार बसे हुए हैं।
विकास: गांव में एनआरआई जमा राशि 1,000 करोड़ से अधिक
धर्मज की सबसे बड़ी विशेषता इसकी समृद्धि है। गांव ने बिना किसी सरकारी मदद के इतना कुछ किया है। कहा जाता है के विदेशों में रह रहे धर्मज परिवार के लोग धर्मज गाँव के विकास के लिए पैसा भेजते रहते हैं और पिछले कई दशकों से ऐसा कर रहे हैं। एनआरआई धर्मज में बैंकों और डाकघरों में अपना पैसा जमा करते है, आज जमा किये पैसो की कीमत 1000 करोड़ से ज्यादा हो गयी है |
लाइफस्टाइल: गांव में 3,000 से अधिक पाटीदार परिवार राजा जैसा जीवन जी रहे है
2014 में, इस गाँव के बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा में करीब रु 125 करोड़, उसके बाद देना बैंक रु 100 करोड़ की जमा राशि पायी गयी थी | माना जाता है, सन 1959 में देना बैंक की शाखा सबसे पहले खुली थी और करीब 3,000 पाटीदार परिवार बसा हुआ है जोकि राजाओ का जीवन जी रहा है, पाटीदार असाधारण कारों में यात्रा करना पसंद करते हैं।
सुविधाएं: गांव में छोटी गलियों में उचित स्ट्रीट लाइट हैं
आत्मनिर्भर गांव में ऐसी सुविधाएं हैं जो शहरों को शर्मसार कर देंगी। बुनियादी ढांचे में शुद्ध पेयजल, भूमिगत जल निकासी व्यवस्था और टार रोड शामिल हैं, जबकि गलियां पत्थर की हैं। और, कई शहरों के विपरीत, यहां की सबसे छोटी और दूर की गलियां उचित स्ट्रीट लाइट मोहल्ले को रोशन कर देती है । यह एनआरआई-समृद्ध गाँव राज्य और देश के सबसे साक्षर गाँवों में से एक है।