बस्तर की आदिवासी संस्कृति में इस मावली मेले का विशेष महत्व है। कोंडागांव में सदियों से यह मेला लग रहा है और इस मेले की सबसे खास बात यह है कि करीब 350 गांवों के ग्रामीण अपने ग्राम देवता के साथ इस मेले में शामिल होने आते हैं। इस मेले की शोभायात्रा में जो नजारा दिखाई पड़ता है वह अपने आप में बेहद रोचक है साथ ही आस्था और विश्वास की इंसानी भावना को दर्शाता है।
बस्तर की आदिवासी संस्कृति में इस मावली मेले का विशेष महत्व है। कोंडागांव में सदियों से यह मेला लग रहा है और इस मेले की सबसे खास बात यह है कि करीब 350 गांवों के ग्रामीण अपने ग्राम देवता के साथ इस मेले में शामिल होने आते हैं। इस मेले की शोभायात्रा में जो नजारा दिखाई पड़ता है वह अपने आप में बेहद रोचक है साथ ही आस्था और विश्वास की इंसानी भावना को दर्शाता है।