सेना के राजनीतिकरण के आरोप को लेकर 150 पूर्व सैनिकों के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को खत लिखने की बात झूठी साबित होती दिख रही है। राष्ट्रपति भवन के सूत्रों ने इन खबरों का खंडन करते हुए किसी भी खत के मिलने से इनकार किया है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी में कहा गया है कि पूर्व सैनिकों द्वारा लिखित कोई भी खत राष्ट्रपति को नहीं मिला है।
राष्ट्रपति भवन के इन खबरों का खंडन करने के बाद पूर्व सेना प्रमुख जनरल एसएफ रॉड्रिग्ज ने भी इन खबरों को झूठ बताया है। उन्होंने किसी भी तरह के हस्ताक्षर करने से भी इनकार किया है।
पूर्व सेना उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल एमएल नायडु का नाम कथित चिट्ठी में 20वें नंबर पर है। उन्होंने कहा, 'नहीं इस तरह के किसी भी पत्र के लिए मेरी सहमति नहीं ली गई और न ही मैंने कोई पत्र लिखा है।'
सेना के राजनीतिकरण के आरोप को लेकर 150 पूर्व सैनिकों के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को खत लिखने की बात झूठी साबित होती दिख रही है। राष्ट्रपति भवन के सूत्रों ने इन खबरों का खंडन करते हुए किसी भी खत के मिलने से इनकार किया है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी में कहा गया है कि पूर्व सैनिकों द्वारा लिखित कोई भी खत राष्ट्रपति को नहीं मिला है।
राष्ट्रपति भवन के इन खबरों का खंडन करने के बाद पूर्व सेना प्रमुख जनरल एसएफ रॉड्रिग्ज ने भी इन खबरों को झूठ बताया है। उन्होंने किसी भी तरह के हस्ताक्षर करने से भी इनकार किया है।
पूर्व सेना उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल एमएल नायडु का नाम कथित चिट्ठी में 20वें नंबर पर है। उन्होंने कहा, 'नहीं इस तरह के किसी भी पत्र के लिए मेरी सहमति नहीं ली गई और न ही मैंने कोई पत्र लिखा है।'