गुजरात में छाए इस मेघ मल्हार ने गुजरात को इसके साथ ही एक ऐतिहासिक क्षण भी दिया है। गुजरात के इतिहास में 9 अगस्त, 2019 एक अविस्मरणीय दिवस बन गया है, क्योंकि गुजरात की जीवन डोर कहलाए जाने वाले सरदार सरोवर नर्मदा बांध के दरवाजे उसकी 131 फीट की पूर्ण ऊँचाई पर पहुँचने के बाद पहली बार खोले गए हैं।
नर्मदा बांध के ऊपरी क्षेत्रों यानी मध्य प्रदेश में हो रही भारी वर्षा के बाद डेम में पानी की भारी आवक हुई, जिसके चलते गुरुवार देर रात 1.30 बजे डेम के 10 दरवाजे खोले गए, जबकि शुक्रवार तड़के 25 और दरवाजे 0.92 सेंटीमीटर तक खोले गए। नर्मदा डेम से 6 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। डेम से पानी छोड़े जाने के कारण नर्मदा नदी तट के क्षेत्रों के लोगों को सतर्क कर दिया गया है। डेम से पानी छोड़े जाने के बाद सरदार सरोवर डेम में नर्मदा नदी में स्थापित लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा स्टेच्यु ओफ युनिटी का दृश्य रमणीय बन गया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल नर्मदा डेम पहुँचे और नर्मदा नीर का स्वागत किया।
गुजरात में छाए इस मेघ मल्हार ने गुजरात को इसके साथ ही एक ऐतिहासिक क्षण भी दिया है। गुजरात के इतिहास में 9 अगस्त, 2019 एक अविस्मरणीय दिवस बन गया है, क्योंकि गुजरात की जीवन डोर कहलाए जाने वाले सरदार सरोवर नर्मदा बांध के दरवाजे उसकी 131 फीट की पूर्ण ऊँचाई पर पहुँचने के बाद पहली बार खोले गए हैं।
नर्मदा बांध के ऊपरी क्षेत्रों यानी मध्य प्रदेश में हो रही भारी वर्षा के बाद डेम में पानी की भारी आवक हुई, जिसके चलते गुरुवार देर रात 1.30 बजे डेम के 10 दरवाजे खोले गए, जबकि शुक्रवार तड़के 25 और दरवाजे 0.92 सेंटीमीटर तक खोले गए। नर्मदा डेम से 6 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। डेम से पानी छोड़े जाने के कारण नर्मदा नदी तट के क्षेत्रों के लोगों को सतर्क कर दिया गया है। डेम से पानी छोड़े जाने के बाद सरदार सरोवर डेम में नर्मदा नदी में स्थापित लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा स्टेच्यु ओफ युनिटी का दृश्य रमणीय बन गया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल नर्मदा डेम पहुँचे और नर्मदा नीर का स्वागत किया।