स्मार्टफोन एक ऐसा गैजेट है जो आजकल किसी के पास न हो तो जीवन अधूरा सा लगने लगता है. कारण स्मार्टफोन का यूसेज और इसकी जरूरत जो इसे हमारे जीवन में एक ऐसा स्थान दे देती है जिसे हम शायद कभी हटाना नहीं चाहते. लेकिन अब स्मार्टफोन आपके लिए खतरनाक बनता जा रहा है. भले ही हम इस बात से अनजान हो लेकिन हमारे अंदर का सिस्टम कुछ यही कह रहा है कि ज्यादा स्मार्टफोन का इस्तेमाल आपकी जान ले सकता है.
हो सकता है ब्रेन ट्यूमर
स्मार्टफोन यूसेज के कई नुकसान है जहां आपकी आंखों पर असर पड़ना, रात भर नींद न आना, गैजेट एडिक्श और दूसरी चीजें. लेकिन अब कुछ और भी सामने आ रहा है जहां ये कहा जा रहा है कि अगर आप अपने स्मार्टफोन को कान से लगाकर आधे घंटे तक अगर बात करते हैं तो 10 साल के बाद आपको ब्रेन ट्यूमर होने की आशंका दोगुनी हो जाती है. आईआईटी मुंबई के प्रोफेसर गिरीश कुमार ने हाल के अध्ययन के आधार पर यह दावा किया है. उन्होंने कहा, ‘मैंने हाल ही में देश के कई ईएनटी विशेषज्ञों से बात की है और रिपोर्ट प्रकाशित की है.
स्मार्टफोन एक ऐसा गैजेट है जो आजकल किसी के पास न हो तो जीवन अधूरा सा लगने लगता है. कारण स्मार्टफोन का यूसेज और इसकी जरूरत जो इसे हमारे जीवन में एक ऐसा स्थान दे देती है जिसे हम शायद कभी हटाना नहीं चाहते. लेकिन अब स्मार्टफोन आपके लिए खतरनाक बनता जा रहा है. भले ही हम इस बात से अनजान हो लेकिन हमारे अंदर का सिस्टम कुछ यही कह रहा है कि ज्यादा स्मार्टफोन का इस्तेमाल आपकी जान ले सकता है.
हो सकता है ब्रेन ट्यूमर
स्मार्टफोन यूसेज के कई नुकसान है जहां आपकी आंखों पर असर पड़ना, रात भर नींद न आना, गैजेट एडिक्श और दूसरी चीजें. लेकिन अब कुछ और भी सामने आ रहा है जहां ये कहा जा रहा है कि अगर आप अपने स्मार्टफोन को कान से लगाकर आधे घंटे तक अगर बात करते हैं तो 10 साल के बाद आपको ब्रेन ट्यूमर होने की आशंका दोगुनी हो जाती है. आईआईटी मुंबई के प्रोफेसर गिरीश कुमार ने हाल के अध्ययन के आधार पर यह दावा किया है. उन्होंने कहा, ‘मैंने हाल ही में देश के कई ईएनटी विशेषज्ञों से बात की है और रिपोर्ट प्रकाशित की है.