अनुच्छेद-370 निरस्त करने के खिलाफ चल रही कानूनी बहस के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 35ए लागू किए जाने से वस्तुतः मौलिक अधिकार छीने गए। इस अनुच्छेद ने राज्य सरकार के तहत रोजगार, अचल संपत्तियों के अधिग्रहण और राज्य में बसने का अधिकार सिर्फ स्थायी निवासियों तक सीमित कर दिया था।