सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें डेवलपर को घर खरीदारों द्वारा उनके फ्लैट पर देरी से कब्जा दिए जाने के लिए भुगतान की गई पूरी राशि वापस करने का निर्देश दिया गया था. जस्टिस बी आर गवई और संदीप मेहता की पीठ ने एनसीडीआरसी द्वारा निर्धारित ब्याज दर को 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया और कहा कि घर खरीदारों को उनकी कोई गलती न होने के बावजूद लंबे समय तक परेशान होना पड़ा.