उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखने वाले पत्रकार प्रशांत कनौजिया की गिरफ्तारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की है. साथ ही अदालत की तरफ से प्रशांत कनौजिया को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है. मंगलवार को हुई सुनवाई में अदालत ने कहा है कि एक नागरिक के अधिकारों का हनन नहीं किया जा सकता है, उसे बचाए रखना जरूरी है.
कोर्ट ने कहा है कि आपत्तिजनक पोस्ट पर विचार अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन गिरफ्तारी क्यों ? सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत कनौजिया की पत्नी को मामले को हाईकोर्ट ले जाने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान IPC की धारा 505 के तहत इस मामले में एफआईआर दर्ज करने पर भी सवाल खड़े किए. अदालत ने यूपी सरकार से पूछा है कि किन धाराओं के तहत ये गिरफ्तारी की गई है. ऐसा शेयर करना सही नहीं था लेकिन फिर गिरफ्तारी क्यों हुई है.
प्रशांत पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है. सोमवार को प्रशांत की पत्नी जिगीषा अरोड़ा कनौजिया ने गिरफ्तारी के विरोध में याचिका दायर की थी.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखने वाले पत्रकार प्रशांत कनौजिया की गिरफ्तारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की है. साथ ही अदालत की तरफ से प्रशांत कनौजिया को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है. मंगलवार को हुई सुनवाई में अदालत ने कहा है कि एक नागरिक के अधिकारों का हनन नहीं किया जा सकता है, उसे बचाए रखना जरूरी है.
कोर्ट ने कहा है कि आपत्तिजनक पोस्ट पर विचार अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन गिरफ्तारी क्यों ? सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत कनौजिया की पत्नी को मामले को हाईकोर्ट ले जाने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान IPC की धारा 505 के तहत इस मामले में एफआईआर दर्ज करने पर भी सवाल खड़े किए. अदालत ने यूपी सरकार से पूछा है कि किन धाराओं के तहत ये गिरफ्तारी की गई है. ऐसा शेयर करना सही नहीं था लेकिन फिर गिरफ्तारी क्यों हुई है.
प्रशांत पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है. सोमवार को प्रशांत की पत्नी जिगीषा अरोड़ा कनौजिया ने गिरफ्तारी के विरोध में याचिका दायर की थी.