देश की 507 चीनी मिलों ने 15 फरवरी तक कुल 219.30 लाख टन चीनी का उत्पादन किया जो गत वर्ष की समान अवधि में 494 मिलों द्वारा उत्पादित 203.55 लाख टन के मुकाबले 7.74 प्रतिशत अधिक है। इस्मा द्वारा आज जारी रिपोर्ट के मुताबिक,इस साल महाराष्ट्र और कर्नाटक के चीनी मिलों में पेराई का काम पहले शुरू होने के कारण यह वृद्धि देखी गयी है, अन्यथा पिछले साल की तुलना में इस साल चीनी उत्पादन कम रहने की आशंका है। इस सत्र में बड़ी मात्रा में गन्ने के रस का इस्तेमाल ‘बी मोलासी’ इथेनॉल के उत्पादन में होगा जिसके मद्देनजर चीनी उत्पादन का अनुमान घटाकर करीब 307 लाख टन कर दिया गया है जबकि बीते चीनी सत्र में करीब 325 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 15 फरवरी 2019 तक महाराष्ट्र की चीनी मिलों ने 82.98 लाख टन चीनी उत्पादित की जबकि इससे पिछले चीनी सत्र की समान अवधि में मिलों ने 74.74 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। गत चीनी सत्र में यहाँ कुल 107.23 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। महाराष्ट्र के छह मिलों ने इस अवधि में अपना काम बंद कर दिया है जबकि 187 चीनी मिलों में पेराई का काम जारी है। पिछले चीनी सत्र की समान अवधि में राज्य की 183 चीनी मिलों में काम जारी था। इस दौरान उत्तर प्रदेश में 117 चीनी मिलों चालू रहीं, जिन्होंने 63.93 लाख टन चीनी उत्पादित की जबकि बीते चीनी सत्र की समान अवधि में राज्य की 119 मिलों ने 64.54 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। वर्ष 2017-18 के चीनी सत्र के दौरान उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों ने 120.45 लाख टन चीनी उत्पादित की थी।
देश की 507 चीनी मिलों ने 15 फरवरी तक कुल 219.30 लाख टन चीनी का उत्पादन किया जो गत वर्ष की समान अवधि में 494 मिलों द्वारा उत्पादित 203.55 लाख टन के मुकाबले 7.74 प्रतिशत अधिक है। इस्मा द्वारा आज जारी रिपोर्ट के मुताबिक,इस साल महाराष्ट्र और कर्नाटक के चीनी मिलों में पेराई का काम पहले शुरू होने के कारण यह वृद्धि देखी गयी है, अन्यथा पिछले साल की तुलना में इस साल चीनी उत्पादन कम रहने की आशंका है। इस सत्र में बड़ी मात्रा में गन्ने के रस का इस्तेमाल ‘बी मोलासी’ इथेनॉल के उत्पादन में होगा जिसके मद्देनजर चीनी उत्पादन का अनुमान घटाकर करीब 307 लाख टन कर दिया गया है जबकि बीते चीनी सत्र में करीब 325 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 15 फरवरी 2019 तक महाराष्ट्र की चीनी मिलों ने 82.98 लाख टन चीनी उत्पादित की जबकि इससे पिछले चीनी सत्र की समान अवधि में मिलों ने 74.74 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। गत चीनी सत्र में यहाँ कुल 107.23 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। महाराष्ट्र के छह मिलों ने इस अवधि में अपना काम बंद कर दिया है जबकि 187 चीनी मिलों में पेराई का काम जारी है। पिछले चीनी सत्र की समान अवधि में राज्य की 183 चीनी मिलों में काम जारी था। इस दौरान उत्तर प्रदेश में 117 चीनी मिलों चालू रहीं, जिन्होंने 63.93 लाख टन चीनी उत्पादित की जबकि बीते चीनी सत्र की समान अवधि में राज्य की 119 मिलों ने 64.54 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। वर्ष 2017-18 के चीनी सत्र के दौरान उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों ने 120.45 लाख टन चीनी उत्पादित की थी।