तमिलनाडु के त्रिभाषा नीति को लेकर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और केंद्र सरकार के बीच लंबे समय से खींचतान चल रही है. इसी राजनीतिक पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रामेश्वरम की जनसभा में तमिल भाषा को लेकर एक अहम टिप्पणी की. किसी नेता का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि उन्हें तमिलनाडु के नेताओं से पत्र मिलते हैं, लेकिन वे तमिल में हस्ताक्षर भी नहीं करते हैं. मोदी ने सवाल उठाया, "कम से कम अपना हस्ताक्षर तमिल में तो करें."