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Added on : 2020-01-13 14:55:27

सोहराबुद्दीन मामले में झूठी रिपोर्टिंग के लिए पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने अदालत में बिना शर्त माफी मांग ली है. मई 2007 में, सीएनएन-आईबीएन के तत्कालीन प्रधान संपादक सरदेसाई ने सोहराबुद्दीन केस पर '30 मिनट - सोहराबुद्दीन, द इनसाइड स्टोरी 'शीर्षक से एक प्रोग्राम चलाया था. इस प्रोग्राम में चैनल ने दावा किया था कि IPS अधिकारी राजीव त्रिवेदी जो उस वक़्त हैदराबाद की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम में शामिल थे और सोहराबुद्दीन मामले की जांच कर रहे थे, उन्होंने सोहराबुद्दीन और उनकी पत्नी कौसर बी को अहमदाबाद ले जाने के लिए फर्जी नंबर प्लेट लगाकर कारें मुहैया कराई थीं. यहां एक एनकाउंटर में सोहराबुद्दीन और कौसर बी मारे गए थे.

राजदीप सरदेसाई द्वारा पेश की गई न्यूज रिपोर्ट में कहा गया था कि, 'पुलिस सूत्रों का कहना है कि वंजारा और पांडियन ने हैदराबाद SIT के पुलिस अधीक्षक राजीव त्रिवेदी की सहायता से बीदर में सोहराबुद्दीन और कौसर बी को गिरफ्तार किया था. राजीव त्रिवेदी ने फर्जी नंबर प्लेट वाली कारें उपलब्ध कराईं, जिसमें सोहराबुद्दीन को अहमदाबाद लाया गया और फिर एक फर्जी एनकाउंटर में उसे मार दिया गया.'

इस प्रोग्राम के बाद आंध्र प्रदेश स्टेट द्वारा राजदीप सरदेसाई और सीएनएन-आईबीएन के 10 अन्य पत्रकारों के खिलाफ हैदराबाद की एक कोर्ट में शिकायत दर्ज की गई. कोर्ट के सामने राजदीप पर यह आरोप लगाया गया था कि इस रिपोर्ट ने राजीव त्रिवेदी की प्रतिष्ठा को धूमिल कर दिया था और आरोप झूठे, मनगढ़ंत और अपमानजनक थे.'

सोहराबुद्दीन मामले में झूठी रिपोर्टिंग के लिए पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने अदालत में बिना शर्त माफी मांग ली है. मई 2007 में, सीएनएन-आईबीएन के तत्कालीन प्रधान संपादक सरदेसाई ने सोहराबुद्दीन केस पर '30 मिनट - सोहराबुद्दीन, द इनसाइड स्टोरी 'शीर्षक से एक प्रोग्राम चलाया था. इस प्रोग्राम में चैनल ने दावा किया था कि IPS अधिकारी राजीव त्रिवेदी जो उस वक़्त हैदराबाद की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम में शामिल थे और सोहराबुद्दीन मामले की जांच कर रहे थे, उन्होंने सोहराबुद्दीन और उनकी पत्नी कौसर बी को अहमदाबाद ले जाने के लिए फर्जी नंबर प्लेट लगाकर कारें मुहैया कराई थीं. यहां एक एनकाउंटर में सोहराबुद्दीन और कौसर बी मारे गए थे.

राजदीप सरदेसाई द्वारा पेश की गई न्यूज रिपोर्ट में कहा गया था कि, 'पुलिस सूत्रों का कहना है कि वंजारा और पांडियन ने हैदराबाद SIT के पुलिस अधीक्षक राजीव त्रिवेदी की सहायता से बीदर में सोहराबुद्दीन और कौसर बी को गिरफ्तार किया था. राजीव त्रिवेदी ने फर्जी नंबर प्लेट वाली कारें उपलब्ध कराईं, जिसमें सोहराबुद्दीन को अहमदाबाद लाया गया और फिर एक फर्जी एनकाउंटर में उसे मार दिया गया.'

इस प्रोग्राम के बाद आंध्र प्रदेश स्टेट द्वारा राजदीप सरदेसाई और सीएनएन-आईबीएन के 10 अन्य पत्रकारों के खिलाफ हैदराबाद की एक कोर्ट में शिकायत दर्ज की गई. कोर्ट के सामने राजदीप पर यह आरोप लगाया गया था कि इस रिपोर्ट ने राजीव त्रिवेदी की प्रतिष्ठा को धूमिल कर दिया था और आरोप झूठे, मनगढ़ंत और अपमानजनक थे.'

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