मध्यप्रदेश में चीन से लहसुन की तस्करी अब धड़ल्ले से हो रही है.यह चीनी लहसुन स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदेह है.फिर भी केंद्र सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है.गौरतलब है कि विश्व में मालवा का लहसुन सर्वश्रेष्ठ माना जाता है और इसकी एक किस्म हृदय रोगियों के लिए खासतौर पर लाभदायक है. चिकित्सा विज्ञान तक ने इसे प्रामाणिक मान लिया है.
अब प्रदेश कांग्रेस ने किसानों के हित में आंदोलन छोड़ने का फ़ैसला किया है. कॉंग्रेस ने कहा है कि चीन से तस्करी के ज़रिए आ रहा लहसुन राज्य के किसानों की बरबादी का सबब बन गया है.
किसान सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने पर मजबूर हैं।
आपको याद होगा कि 2014 में भारत सरकार ने चीनी लहसुन को अमानक और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताकर प्रतिबंधित कर दिया था। इसके बावजूद हजारों टन लहसुन का आना लोगों के स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है, यह लहसुन पेट में अल्सर और अनेक प्रकार की बीमारियों का कारण है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस लहसुन को खुले बाज़ार में बेचे जाने पर सरकार को फटकार लगाई थी।
मध्यप्रदेश के नीमच,मंदसौर, रतलाम,उज्जैन और इंदौर तथा निमाड के आलीराजपुर, झाबुआ,खंडवा और खरगोन में किसान बड़ी मात्रा में लहसुन की खेती करते है। चीन का लहसुन आने से लहसुन के दाम 50 प्रतिशत तक गिर गए .इस कारण मध्य प्रदेश के किसानों की लागत तक नहीं निकल रही है। विरोध में हजारों किसानों ने सड़क पर उतरकर आंदोलन शुरू कर दिया है। कॉंग्रेस ने कहा है कि किसान आंदोलन को सरकार कुचलने का प्रयास कर रही है। एक तरफ सरकार किसानों को समर्थन मूल्य नहीं दे रही है,दूसरी तरफ चीन से होने वाली लहसुन की तस्करी पर रोक भी नहीं लग रही है, इससे किसान निराश हैं।
प्रदेश कॉंग्रेस अध्यक्ष ने चेतावनी दी है कि किसानों की लड़ाई को कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक लड़ेगी और किसान विरोधी भाजपा सरकार को बेलगाम नहीं होने देगी।