विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अनुसार राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (एनईटी) में अर्जित अंक (स्कोर) का इस्तेमाल 2024-25 से पीएचडी में दाखिले के लिए किया जाएगा, जिससे विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा अलग-अलग प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी. एनईटी की परीक्षा साल में दो बार जून और दिसंबर में आयोजित की जाती है. इसमें अर्जित अंक का इस्तेमाल वर्तमान में जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) प्रदान करने और मास्टर डिग्री वाले लोगों के लिए सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति की पात्रता के लिए किया जाता है.