भोपाल। प्रदेश सरकार ने नई रेत नीति घोषित कर दी है, जिसके तहत पूर्व की भांति सिर्फ नर्मदा नदी को छोडक़र अन्य नदियों से रेत निकालने की अनुमति रहेगी। अन्य नदियों की रेत खदानों में खनन का काम मशीनों से किया जा सकेगा। इससे प्रदेशभर में निर्माण कार्यों के लिए रेत की उपलब्ता सुगम होगी और दाम घट सकेंगे।
राज्य शासन ने प्रदेश की सभी रेत खदानों को मप्र राज्य खनिज विकास निगम को 10 साल के लिए पट्टे पर दे दिया है। निगम द्वारा खदानों का विकास और विक्रय का काम इसी के माध्यम से कराया जाएगा। अभी तक रेत खदानों के संचालन के लिए ठेकेदारों को उपपट्टा दिया जाता था। इस व्यवस्था को खत्म करके अब सिर्फ सिर्फ एमडीओ को खदान संचालन का लाइसेंस मिलेगा, जिससे ठेकेदार अब आपरेटर बन जाएंगे।
विपक्ष ने सरकार के इस फैसले की कड़ी आलोचना की है । उसका कहना है कि चुनाव के साल में रेत निकालने में भारी भ्रष्टाचार होगा । यह रेत माफिया को लूट की खुली छूट देने जैसा है ।