गुजरात के बनासकांठा जिले में आए जैसोर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में पहली बार दुर्लभ रस्टी स्पॉटेड बिल्ली देखी गई है. पिछले दशक में यह गुजरात में दूसरी बार दिखाई दी है. इससे पहले यह 2013 में कच्छ के इलाके में दिखाई दी थी.
जिला के उप वन संरक्षक गंगा शरण सिंह ने इसे देखे जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि वन विभाग के लगाए कैमरा ट्रैप में इसे देखा गया है.
भूरे फर पर लाल धब्बों और बादामी लाइनों वाली इन बिल्लियों का पेट सफेद होता है. साथ ही इस पर बड़े गहरे धब्बे होते हैं. इनकी लंबाई 35 से 48 सेंटीमीटर तक होती है. पूंछ की लंबाई लगभग 15 से 25 सेंटीमीटर तक होती है. एक व्यस्क का वजन 1.5 किलो तक हो सकता है.
गौरतलब है कि रस्टी स्पॉटेड बिल्ली भारतीय उपमहाद्वीप में पाई जाती हैं. खासकर दक्षिण भारत, गुजरात के हिस्सों में, जम्मू-कश्मीर और श्रीलंका में पाई जाती है. ये छोटी चिड़ियों और स्तनपायी जीवों, कीटों, मेंढ़कों वगैरह को खाकर अपना पेट भरती हैं. ये रात्रिचर हैं, जमीन के अलावा पेड़ों पर भी आसानी से चढ़ जाती हैं.
गुजरात के बनासकांठा जिले में आए जैसोर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में पहली बार दुर्लभ रस्टी स्पॉटेड बिल्ली देखी गई है. पिछले दशक में यह गुजरात में दूसरी बार दिखाई दी है. इससे पहले यह 2013 में कच्छ के इलाके में दिखाई दी थी.
जिला के उप वन संरक्षक गंगा शरण सिंह ने इसे देखे जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि वन विभाग के लगाए कैमरा ट्रैप में इसे देखा गया है.
भूरे फर पर लाल धब्बों और बादामी लाइनों वाली इन बिल्लियों का पेट सफेद होता है. साथ ही इस पर बड़े गहरे धब्बे होते हैं. इनकी लंबाई 35 से 48 सेंटीमीटर तक होती है. पूंछ की लंबाई लगभग 15 से 25 सेंटीमीटर तक होती है. एक व्यस्क का वजन 1.5 किलो तक हो सकता है.
गौरतलब है कि रस्टी स्पॉटेड बिल्ली भारतीय उपमहाद्वीप में पाई जाती हैं. खासकर दक्षिण भारत, गुजरात के हिस्सों में, जम्मू-कश्मीर और श्रीलंका में पाई जाती है. ये छोटी चिड़ियों और स्तनपायी जीवों, कीटों, मेंढ़कों वगैरह को खाकर अपना पेट भरती हैं. ये रात्रिचर हैं, जमीन के अलावा पेड़ों पर भी आसानी से चढ़ जाती हैं.