प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार के 75 दिनों की अवधि के दौरान जो सबसे बड़ा निर्णय लिया, वह है कश्मीर पर लिया गया निर्णय. उन्होंने यह निर्णय इसलिए लिया, ताकि वहां बेहतर एकजुटता और आवागमन सुनिश्वित हो और दोहरी नागरिकता का झूठा सिद्धांत हमेशा के लिए समाप्त हो जाए. यह प्रधानमंत्री का सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि एक कूटनीतिक मास्टरस्ट्रोक था, उस प्रधानमंत्री का, जो अपने दूसरे कार्यकाल के प्रारंभ में ही कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए संकल्पित थे.
आईएएनएस ने उनसे अनुच्छेद 370 पर उनके निर्णय के बारे में सवाल पूछे, जिसका कई सारे लोगों ने स्वागत किया है, और कुछ ने विरोध भी किया है. इस समय एक असहज-सी शांति देखने को मिल रही है. आपको क्यों लगता है कि जम्मू एवं कश्मीर के लोग आपके साथ खड़ा होंगे?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार के 75 दिनों की अवधि के दौरान जो सबसे बड़ा निर्णय लिया, वह है कश्मीर पर लिया गया निर्णय. उन्होंने यह निर्णय इसलिए लिया, ताकि वहां बेहतर एकजुटता और आवागमन सुनिश्वित हो और दोहरी नागरिकता का झूठा सिद्धांत हमेशा के लिए समाप्त हो जाए. यह प्रधानमंत्री का सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि एक कूटनीतिक मास्टरस्ट्रोक था, उस प्रधानमंत्री का, जो अपने दूसरे कार्यकाल के प्रारंभ में ही कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए संकल्पित थे.
आईएएनएस ने उनसे अनुच्छेद 370 पर उनके निर्णय के बारे में सवाल पूछे, जिसका कई सारे लोगों ने स्वागत किया है, और कुछ ने विरोध भी किया है. इस समय एक असहज-सी शांति देखने को मिल रही है. आपको क्यों लगता है कि जम्मू एवं कश्मीर के लोग आपके साथ खड़ा होंगे?