रेपो रेट को 6.5% पर ही बरकरार रखा गया है। 6 सदस्यों वाली मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी ने 4:2 के बहुमत से ब्याज दरों में किसी तरह के बदलाव का फैसला नहीं किया। रेपो रेट में बदलाव नहीं होने से ग्राहकों पर EMI का कोई बोझ नहीं बढ़ेगा और न ही बैंकों के लोन की दरें बढ़ेंगी