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Added on : 2024-01-16 14:19:52

 प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जल जीवन मिशन में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में राजस्थान के पूर्व मंत्री महेश जोशी और कुछ अन्य लोगों से जुड़े परिसरों पर मंगलवार को छापा मारा. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. पिछले साल भी एजेंसी ने केंद्र सरकार की योजना से जुड़े इस मामले में कम से कम दो बार छापेमारी की थी.

राज्य की राजधानी जयपुर और बांसवाड़ा में पूर्व सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी (पीएचई) मंत्री जोशी के अलावा संबंधित विभाग के अधिकारियों और अन्य लोगों से संबद्ध आठ परिसरों पर मंगलवार को छापेमारी शुरू की गई थी।

ईडी ने एक बयान में कहा, ‘कुल 39 लाख रुपये की बेहिसाबी नकदी और संपत्ति विवरण, डिजिटल साक्ष्य, मोबाइल तथा विभिन्न साक्ष्य दस्तावेज जब्त किए गए।’

इसने यह नहीं बताया कि किससे कितनी रकम जब्त की गई।

धनशोधन का मामला श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के मालिक पदमचंद जैन, श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के मालिक महेश मित्तल और अन्य के खिलाफ राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की प्राथमिकी से संबंधित है।

प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि नामजद लोग ‘अवैध’ सुरक्षा प्राप्त करने, निविदाएं प्राप्त करने, बिल स्वीकृत कराने और पीएचई विभाग से प्राप्त विभिन्न निविदाओं के तहत उनके द्वारा किए गए कार्यों में अनियमितताओं को छिपाने के लिए लोकसेवकों को ‘रिश्वत देने’ में शामिल थे।

केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए जल जीवन मिशन का उद्देश्य घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना है तथा इसे राजस्थान में राज्य के पीएचई विभाग द्वारा लागू किया जा रहा है।

ईडी ने पिछले साल जयपुर और दौसा में कुछ अन्य लोगों के अलावा पीएचई विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों तथा भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी एवं तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल के आवासीय और आधिकारिक परिसरों पर छापेमारी की थी।

इससे पहले एजेंसी ने दावा किया था कि कई बिचौलियों और प्रॉपर्टी डीलर ने जल जीवन मिशन से ‘‘अवैध रूप से अर्जित’’ धन की हेराफेरी के लिए राजस्थान सरकार के पीएचई विभाग के अधिकारियों की ‘‘मदद’’ की थी।

एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया था कि जांच में पाया गया कि ठेकेदारों ने ‘इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन इंटरनेशनल लिमिटेड (इरकॉन) द्वारा जारी कथित ‘‘फर्जी’’ कार्य समापन प्रमाणपत्रों के आधार पर और पीएचई विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को ‘‘रिश्वत’’ देकर जल जीवन मिशन के कार्यों से संबंधित निविदाएं हासिल की थीं।

एजेंसी ने कहा कि इस मामले में ईडी द्वारा कीमती सामान की कुल जब्ती अब 11.42 करोड़ रुपये मूल्य की हो गई है, जिसमें 6.50 करोड़ रुपये का सोना-चांदी शामिल है।

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