राजस्थान में जारी सियासी घमासान के बीच राज्यपाल कलराज मिश्र ने राज्य कैबिनेट की तरफ से विधानसभा सत्र बुलाने के अनुरोध को सोमवार की दोपहर को स्वीकार कर लिया। उनकी तरफ से यह फैसला उस वक्त किया गया जब कुछ देर पहले ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने राज्यपाल के ‘बर्ताव’ को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात की और उन्हें इस बारे में बताया है।
कांग्रेस और मुख्यमंत्री की तरफ से 'ऊपर से दबाव' के आरोपों के बावजूद आज जारी नोटिफिकेशन में राज्यपाल कलराज मिश्र ने इस बात को खारिज कर दिया कि विधानसभा सत्र बुलाने में वह देरी कर रहे थे। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री की तरफ से 31 जुलाई से विधानसभा सत्र शुरू करने के प्रस्ताव की मांग को खारिज करते हुए आज सुबह राज्य सरकार से सफाई मांगी थी। कोरोना वायरस की स्थिति का हवाला देते हुए राज्यपाल ने कहा था कि इतने कम समय में सदन के सभी विधायकों को बुलाना कठिन होगा।
राजस्थान में जारी सियासी घमासान के बीच राज्यपाल कलराज मिश्र ने राज्य कैबिनेट की तरफ से विधानसभा सत्र बुलाने के अनुरोध को सोमवार की दोपहर को स्वीकार कर लिया। उनकी तरफ से यह फैसला उस वक्त किया गया जब कुछ देर पहले ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने राज्यपाल के ‘बर्ताव’ को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात की और उन्हें इस बारे में बताया है।
कांग्रेस और मुख्यमंत्री की तरफ से 'ऊपर से दबाव' के आरोपों के बावजूद आज जारी नोटिफिकेशन में राज्यपाल कलराज मिश्र ने इस बात को खारिज कर दिया कि विधानसभा सत्र बुलाने में वह देरी कर रहे थे। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री की तरफ से 31 जुलाई से विधानसभा सत्र शुरू करने के प्रस्ताव की मांग को खारिज करते हुए आज सुबह राज्य सरकार से सफाई मांगी थी। कोरोना वायरस की स्थिति का हवाला देते हुए राज्यपाल ने कहा था कि इतने कम समय में सदन के सभी विधायकों को बुलाना कठिन होगा।