‘प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया’ (PCI) ने सुसाइड केसों व मानसिक बीमारी संबंधी मामलों की रिपोर्टिंग के संबंध में मीडिया के लिए एक गाइडलाइंस तय की हैं, जिसमे में मीडिया से गुजारिश की गई है कि संबंधित व्यक्ति की सहमति के बिना मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में उपचार करा रहे किसी व्यक्ति की तस्वीरें या कोई अन्य जानकारी पब्लिश न करें. काउंसिल ने एक बयान में यह भी कहा है कि आत्महत्या के मामलों को रोकने के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट को देखते हुए इन गाइडलाइंस को अपनाया गया है.
इन गाइडलाइंस के अनुसार, मेंटल हेल्थ केयर एक्ट 2017 के सेक्शन 24 (1) के अनुसार, इस तरह के मामलों की रिपोर्टिंग करते समय किसी मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में इलाज करा रहे व्यक्ति के बारे में संबंधित व्यक्ति की सहमति के बिना मीडिया किसी भी तरह की जानकारी अथवा फोटो को पब्लिश नहीं करेगा. इसके साथ ही इसी एक्ट के सेक्शन 30 (a) के तहत प्रिंट मीडिया द्वारा समय-समय पर इस एक्ट का व्यापक प्रचार किया जाएगा.
‘प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया’ (PCI) ने सुसाइड केसों व मानसिक बीमारी संबंधी मामलों की रिपोर्टिंग के संबंध में मीडिया के लिए एक गाइडलाइंस तय की हैं, जिसमे में मीडिया से गुजारिश की गई है कि संबंधित व्यक्ति की सहमति के बिना मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में उपचार करा रहे किसी व्यक्ति की तस्वीरें या कोई अन्य जानकारी पब्लिश न करें. काउंसिल ने एक बयान में यह भी कहा है कि आत्महत्या के मामलों को रोकने के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट को देखते हुए इन गाइडलाइंस को अपनाया गया है.
इन गाइडलाइंस के अनुसार, मेंटल हेल्थ केयर एक्ट 2017 के सेक्शन 24 (1) के अनुसार, इस तरह के मामलों की रिपोर्टिंग करते समय किसी मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में इलाज करा रहे व्यक्ति के बारे में संबंधित व्यक्ति की सहमति के बिना मीडिया किसी भी तरह की जानकारी अथवा फोटो को पब्लिश नहीं करेगा. इसके साथ ही इसी एक्ट के सेक्शन 30 (a) के तहत प्रिंट मीडिया द्वारा समय-समय पर इस एक्ट का व्यापक प्रचार किया जाएगा.