प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देश के नाम संबोधन पूरा हो चुका है। करीब 16 मिनट चले इस संबोधन में प्रधानमंत्री ने गरीबों के लिए राशन वितरण की गरीब अन्य कल्याण योजना का विस्तार करने का फैसला किया और 'एक राष्ट्र एक राशन कार्ड' का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने अनलॉक-2 के दौरान बढ़ती लापरवाही पर भी बात की और ऐसा करने वालों को समझाने के लिए कहा। इसके साथ ही उन्होंने देश में कोरोना की स्थिति पर भी बात की।
पीएम ने कहा कि त्योहारों का समय खर्च भी बढ़ाता है. फैसला लिया गया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार अब दिवाली और छठ पूजा तक, यानी नवंबर के आखिरी तक कर दिया जाएगा. वर्षा ऋतु के बाद कृषि क्षेत्र में ज्यादा काम होता है. जुलाई से धीरे-धीरे त्योहारों का भी माहौल बनता है. सावन शुरू हो रहा है. रक्षाबंधन आएगा, कृष्ण जन्माष्मी आएगी. प्रत्येक परिवार को हर महीने पांच किलो गेहूं या चावल और एक किलो चना दिया जाएगा. इसमें 90 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होंगे. पिछले महीने का खर्च भी जोड़ दें तो करीब 1.5 लाख करोड़ हो जाता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देश के नाम संबोधन पूरा हो चुका है। करीब 16 मिनट चले इस संबोधन में प्रधानमंत्री ने गरीबों के लिए राशन वितरण की गरीब अन्य कल्याण योजना का विस्तार करने का फैसला किया और 'एक राष्ट्र एक राशन कार्ड' का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने अनलॉक-2 के दौरान बढ़ती लापरवाही पर भी बात की और ऐसा करने वालों को समझाने के लिए कहा। इसके साथ ही उन्होंने देश में कोरोना की स्थिति पर भी बात की।
पीएम ने कहा कि त्योहारों का समय खर्च भी बढ़ाता है. फैसला लिया गया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार अब दिवाली और छठ पूजा तक, यानी नवंबर के आखिरी तक कर दिया जाएगा. वर्षा ऋतु के बाद कृषि क्षेत्र में ज्यादा काम होता है. जुलाई से धीरे-धीरे त्योहारों का भी माहौल बनता है. सावन शुरू हो रहा है. रक्षाबंधन आएगा, कृष्ण जन्माष्मी आएगी. प्रत्येक परिवार को हर महीने पांच किलो गेहूं या चावल और एक किलो चना दिया जाएगा. इसमें 90 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होंगे. पिछले महीने का खर्च भी जोड़ दें तो करीब 1.5 लाख करोड़ हो जाता है.