राज्यसभा में चर्चा के दौरान PM मोदी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'पहले से अधिक जनसमर्थन और विश्वास के साथ हमें दोबारा देश की सेवा करने का अवसर देशवासियों ने दिया है. मैं सबका आभार प्रकट करता हूं. दशकों बाद देश ने एक मजबूत जनादेश दिया है, एक सरकार को दोबारा फिर से लाए हैं और पहले से अधिक शक्ति देकर लाए हैं. भारत जैसे लोकतंत्र में हर भारतीय के लिए गौरव का विषय है कि हमारा मतदाता कितना जागरुक है. देश के लिए निर्णय करता है, यह चुनाव में साफ साफ नजर आया. 2019 का चुनाव एक प्रकार से दलों से परे देश की जनता लड़ रही थी. जनता खुद सरकार के कामों की बात लोगों तक पहुंचाती थी.'
PM मोदी ने कहा, 'जिसे लाभ नहीं मिला वो भी ये बात करता था कि उस व्यक्ति को लाभ मिल गया है अब मुझे भी मिलने वाला है. इस विश्वास की एक अहम विशेषता है. इतने बड़े जनादेश को कुछ लोग ये कह दें कि आप तो चुनाव जीत गए लेकिन देश चुनाव हार गया. मैं समझता हूं कि इससे बड़ा भारत के लोकतंत्र और जनता जनार्दन का कोई अपमान नहीं हो सकता. मैं पूछना चाहूंगा कि क्या वायनाड में हिंदुस्तान हार गया क्या? क्या रायबरेली में हिन्दुस्तान हार गया?'
PM ने कहा, 'क्या बहरामपुर और तिरुवनंतपुरम में हिंदुस्तान हार गया? क्या अमेठी में हिंदुस्तान हार गया? मतलब कांग्रेस हारी तो देश हार गया क्या? अहंकार की भी एक सीमा होती है. मैं हैरान हूं, मीडिया को भी गाली दी गई कि मीडिया के कारण चुनाव जीते जाते हैं. मीडिया बिकाऊ है क्या? जो खरीद कर चुनाव जीत लिए जाएं. तमिलनाडु जैसे राज्यों में भी यही लागू होगा क्या? ये तक कह दिया कि देश का किसान बिकाऊ है. दो-दो हजार रुपये की योजना के कारण किसानों के वोट खरीद लिए गए. मैं मानता हूं कि मेरे देश का किसान बिकाऊ नहीं हो सकता. ऐसी बात कहकर देश के करीब 15 करोड़ किसान परिवारों को अपमानित किया गया है.' 55-60 वर्ष तक देश को चलाने वाला एक दल 17 राज्यों में एक भी सीट नहीं जीत पाया तो क्या इसका मतलब ये हुआ कि देश हार गया?'
राज्यसभा में चर्चा के दौरान PM मोदी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'पहले से अधिक जनसमर्थन और विश्वास के साथ हमें दोबारा देश की सेवा करने का अवसर देशवासियों ने दिया है. मैं सबका आभार प्रकट करता हूं. दशकों बाद देश ने एक मजबूत जनादेश दिया है, एक सरकार को दोबारा फिर से लाए हैं और पहले से अधिक शक्ति देकर लाए हैं. भारत जैसे लोकतंत्र में हर भारतीय के लिए गौरव का विषय है कि हमारा मतदाता कितना जागरुक है. देश के लिए निर्णय करता है, यह चुनाव में साफ साफ नजर आया. 2019 का चुनाव एक प्रकार से दलों से परे देश की जनता लड़ रही थी. जनता खुद सरकार के कामों की बात लोगों तक पहुंचाती थी.'
PM मोदी ने कहा, 'जिसे लाभ नहीं मिला वो भी ये बात करता था कि उस व्यक्ति को लाभ मिल गया है अब मुझे भी मिलने वाला है. इस विश्वास की एक अहम विशेषता है. इतने बड़े जनादेश को कुछ लोग ये कह दें कि आप तो चुनाव जीत गए लेकिन देश चुनाव हार गया. मैं समझता हूं कि इससे बड़ा भारत के लोकतंत्र और जनता जनार्दन का कोई अपमान नहीं हो सकता. मैं पूछना चाहूंगा कि क्या वायनाड में हिंदुस्तान हार गया क्या? क्या रायबरेली में हिन्दुस्तान हार गया?'
PM ने कहा, 'क्या बहरामपुर और तिरुवनंतपुरम में हिंदुस्तान हार गया? क्या अमेठी में हिंदुस्तान हार गया? मतलब कांग्रेस हारी तो देश हार गया क्या? अहंकार की भी एक सीमा होती है. मैं हैरान हूं, मीडिया को भी गाली दी गई कि मीडिया के कारण चुनाव जीते जाते हैं. मीडिया बिकाऊ है क्या? जो खरीद कर चुनाव जीत लिए जाएं. तमिलनाडु जैसे राज्यों में भी यही लागू होगा क्या? ये तक कह दिया कि देश का किसान बिकाऊ है. दो-दो हजार रुपये की योजना के कारण किसानों के वोट खरीद लिए गए. मैं मानता हूं कि मेरे देश का किसान बिकाऊ नहीं हो सकता. ऐसी बात कहकर देश के करीब 15 करोड़ किसान परिवारों को अपमानित किया गया है.' 55-60 वर्ष तक देश को चलाने वाला एक दल 17 राज्यों में एक भी सीट नहीं जीत पाया तो क्या इसका मतलब ये हुआ कि देश हार गया?'