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Added on : 2023-06-06 16:33:29

महेश झालानी

यधपि सचिन पायलट ने अपनी उपेक्षा को लेकर कांग्रेस को अलविदा करने का मन बना लिया है । लेकिन 11 जून से पहले उनको आलाकमान की ओर से मनाने या समझाने का एक ओर प्रयास हो सकता है । राहुल गांधी 8 जून को अमेरिकी दौरे से वापिस लौट रहे है । इसके बाद वे स्वयं हस्तक्षेप कर सचिन और गहलोत में समझौता कराकर उन्हें पार्टी नही छोड़ने के लिए राजी कर सकते है ।
इससे पहले भी 29 मई को मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने गहलोत और पायलट के बीच सुलह तो करवा दी, लेकिन वह पूरी तरह फ्लॉप रही । बल्कि इसके बाद दोनों के बीच दूरियां और बढ़ती चली गई । आलाकमान के निर्देश के बावजूद बयानबाजी और आरोपो की बौछार जारी है । 
राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे सहित सभी कांग्रेसी बखूबी जानते है कि सचिन के कांग्रेस छोड़ने से पार्टी को काफी नुकसान होना स्वभाविक है । करीब तीन दर्जन विधानसभा क्षेत्रों में उनका जबरदस्त दबदबा है । इसलिए वे पार्टी नही छोड़े, इसके लिए राहुल के आने के बाद एक ओर प्रयास करने की संभावना है । 
उधर पायलट के निकटवर्ती सूत्रों ने बताया कि कुछ लोगो ने कांग्रेस पार्टी को कैप्चर कर रखा है । वे पार्टी के बजाय निजी फायदे के लिए कांग्रेस को क्षति पहुँचाने में सक्रिय है । सूत्र का कहना है कि कांग्रेस में पायलट का अब कोई भविष्य नही है इसलिए 11 जून को वे जन संघर्ष पार्टी के नाम से अपनी नई पार्टी का ऐलान कर सकते है । इसी नाम से पायलट ने अजमेर से जयपुर यात्रा निकाली थी । इस नाम की पार्टी का पंजीयन हो चुका है ।

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