किराएदार और मकान मालिक में झगड़ा तो आम बात है लेकिन यह केस डरावना है। मामला बेंगलुरु का है जहां दिसंबर महीने में चामराजपेट इलाके की नौवीं क्रॉस लेन में स्थित एक कर्मशल कॉम्प्लेक्स में आग लगने की घटना सामने आई थी। जांच में पता चला कि घटना के पीछे दुकान के किराएदार का हाथ था। आरोप है कि किराएदार की पत्नी भी इस अपराध में शामिल थी।
चामराजपेट पुलिस फरार दंपती को ढूंढ रही है और जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की बात कह रही है। साजिश का खुलासा करने में सीसीटीवी अहम साक्ष्य बना। अगर दुकान में सीसीटीवी नहीं लगे होते तो न ही पुलिस और न ही मालिक को इस बात का कभी पता चल पाता कि दुकान में आग लगी नहीं बल्कि लगाई गई थी। यह पूरा विवाद 2017 में शुरू हुआ। दुकान मालिक दिलीप कुमार (51) ने अपनी गीता कॉम्प्लेक्स बिल्डिंग की पहली मंजिल पर स्थित 14×21 फीट की दुकान मिश्रीलाल और इंदिरावती को किराए पर दी थी। दोनों पति- पत्नी वहां एक हार्डवेयर दुकान खोलना चाहते थे।
दिलीप भी उसी बिल्डिंग में रहते थे और दोनों के बीच 13 हजार रुपये के मासिक किराये पर एग्रीमेंट हुआ था। एग्रीमेंट के 5 महीने बाद ही दंपती ने किराया देना बंद कर दिया। दिलीप का आरोप है कि दोनों पति-पत्नी आए-दिन कोई न कोई बवाल करते थे, जिस वजह से दिलीप ने मजबूरन उन्हें दुकान खाली करने को कह दिया। इसके बावजूद जब दंपती ने दुकान खाली नहीं की तो दिलीप ने सिटी कोर्ट में दोनों के खिलाफ केस दर्ज कराया।
Courtesy: GNS
किराएदार और मकान मालिक में झगड़ा तो आम बात है लेकिन यह केस डरावना है। मामला बेंगलुरु का है जहां दिसंबर महीने में चामराजपेट इलाके की नौवीं क्रॉस लेन में स्थित एक कर्मशल कॉम्प्लेक्स में आग लगने की घटना सामने आई थी। जांच में पता चला कि घटना के पीछे दुकान के किराएदार का हाथ था। आरोप है कि किराएदार की पत्नी भी इस अपराध में शामिल थी।
चामराजपेट पुलिस फरार दंपती को ढूंढ रही है और जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की बात कह रही है। साजिश का खुलासा करने में सीसीटीवी अहम साक्ष्य बना। अगर दुकान में सीसीटीवी नहीं लगे होते तो न ही पुलिस और न ही मालिक को इस बात का कभी पता चल पाता कि दुकान में आग लगी नहीं बल्कि लगाई गई थी। यह पूरा विवाद 2017 में शुरू हुआ। दुकान मालिक दिलीप कुमार (51) ने अपनी गीता कॉम्प्लेक्स बिल्डिंग की पहली मंजिल पर स्थित 14×21 फीट की दुकान मिश्रीलाल और इंदिरावती को किराए पर दी थी। दोनों पति- पत्नी वहां एक हार्डवेयर दुकान खोलना चाहते थे।
दिलीप भी उसी बिल्डिंग में रहते थे और दोनों के बीच 13 हजार रुपये के मासिक किराये पर एग्रीमेंट हुआ था। एग्रीमेंट के 5 महीने बाद ही दंपती ने किराया देना बंद कर दिया। दिलीप का आरोप है कि दोनों पति-पत्नी आए-दिन कोई न कोई बवाल करते थे, जिस वजह से दिलीप ने मजबूरन उन्हें दुकान खाली करने को कह दिया। इसके बावजूद जब दंपती ने दुकान खाली नहीं की तो दिलीप ने सिटी कोर्ट में दोनों के खिलाफ केस दर्ज कराया।
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