सरकार अगले साल से बैचलर इन एजुकेशन (बीएड) के कोर्स को चार साल का करने जा रही है ताकि इससे शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार हो सके। यह बात मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहीं। दो दिनों तक चली कांफ्रेंस के दूसरे दिन केंद्रीय विद्यालय और जवाहर नवोदय विद्यालय के प्रधानाचार्यों को संबोधित करते हुए जावड़ेकर ने कहा, हम अगले साल से चार सालों को इंटिग्रेडिट कोर्स लांच करने वाले हैं। पढ़ाई की गुणवत्ता नीचे गिर गई है क्योंकि यह उम्मीदवारों के लिए आखिरी विकल्प होता है। इसे पहला विकल्प होना चाहिए। यह प्रोफेशनल पसंद होनी चाहिए न कि बची हुई।
लागू होने पर यह कोर्स उम्मीदवारों का एक साल बचाएगा चूंकि वह सीधे 12वीं कक्षा के बाद इसमें दाखिला ले सकते हैं। वर्तमान में उन्हें पहले स्नातक की पढ़ाई करनी पड़ती है और फिर दो साल का बीएड कोर्स। मंत्री ने कहा कि 15-20 राज्य कक्षा 5-8 के लिए परीक्षा का आयोजन कर रहे हैं। जनवरी से इन कक्षाओं में अब शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत नो डिटेंशन पॉलिसी लागू है। बीएड कोर्स, एक साल से ज्यादा साल के लिए तीन स्ट्रीम- बीए, बीकॉम और बीएससी में किया जाएगा।
सरकार अगले साल से बैचलर इन एजुकेशन (बीएड) के कोर्स को चार साल का करने जा रही है ताकि इससे शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार हो सके। यह बात मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहीं। दो दिनों तक चली कांफ्रेंस के दूसरे दिन केंद्रीय विद्यालय और जवाहर नवोदय विद्यालय के प्रधानाचार्यों को संबोधित करते हुए जावड़ेकर ने कहा, हम अगले साल से चार सालों को इंटिग्रेडिट कोर्स लांच करने वाले हैं। पढ़ाई की गुणवत्ता नीचे गिर गई है क्योंकि यह उम्मीदवारों के लिए आखिरी विकल्प होता है। इसे पहला विकल्प होना चाहिए। यह प्रोफेशनल पसंद होनी चाहिए न कि बची हुई।
लागू होने पर यह कोर्स उम्मीदवारों का एक साल बचाएगा चूंकि वह सीधे 12वीं कक्षा के बाद इसमें दाखिला ले सकते हैं। वर्तमान में उन्हें पहले स्नातक की पढ़ाई करनी पड़ती है और फिर दो साल का बीएड कोर्स। मंत्री ने कहा कि 15-20 राज्य कक्षा 5-8 के लिए परीक्षा का आयोजन कर रहे हैं। जनवरी से इन कक्षाओं में अब शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत नो डिटेंशन पॉलिसी लागू है। बीएड कोर्स, एक साल से ज्यादा साल के लिए तीन स्ट्रीम- बीए, बीकॉम और बीएससी में किया जाएगा।