रुपये में कमजोरी के बाद अब घरेलू गैस की कीमतों में बढ़ोतरी के सरकार के फैसले से एक ओर जहां सीएनजी, पीएनजी व घरेलू रसोई गैस एलपीजी की कीमतें बढ़नी लगभग तय है, वहीं यूरिया और बिजली उत्पादन की लागत में भी बढ़ोतरी होगी। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने और रुपये में आई कमजोरी के चलते भी कंपनियों पर कीमतें बढ़ाने का दबाव है। ऐसे में एक अक्तूबर से उपभोक्ताओं को वाहनों और घरेलू प्रयोग में लाई जाने वाली गैस के ज्यादा दाम चुकाने पड़ सकते हैं।
रुपये में कमजोरी के बाद अब घरेलू गैस की कीमतों में बढ़ोतरी के सरकार के फैसले से एक ओर जहां सीएनजी, पीएनजी व घरेलू रसोई गैस एलपीजी की कीमतें बढ़नी लगभग तय है, वहीं यूरिया और बिजली उत्पादन की लागत में भी बढ़ोतरी होगी। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने और रुपये में आई कमजोरी के चलते भी कंपनियों पर कीमतें बढ़ाने का दबाव है। ऐसे में एक अक्तूबर से उपभोक्ताओं को वाहनों और घरेलू प्रयोग में लाई जाने वाली गैस के ज्यादा दाम चुकाने पड़ सकते हैं।