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Added on : 2024-06-27 13:41:10

पूर्वोत्तर-आपातकाल, सरकार का विजन...राष्ट्रपति के संबोधन की बड़ी बातें
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित किया. 18वीं लोकसभा के गठन के बाद राष्ट्रपति का ये पहला संबोधन था. इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सरकार का विजन देश के सामने रखा. उन्होंने 1975 के आपातकाल का भी जिक्र किया. राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में जब नॉर्थ ईस्ट का नाम लिया तो विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया. विपक्षी दलों के सांसदों ने नारेबाजी की.
राष्ट्रपति ने संबोधन में क्या-क्या कहा?
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में आपातकाल का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि 1975 में देश में हाहाकार मच गया था. आपातकाल संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय था. आपातकाल के दौरान पूरा देश अंधेरे में डूब गया था लेकिन देश ऐसी असंवैधानिक शक्तियों को पराजित करने में सफल रहा. राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने के हर प्रयास की सभी को निंदा करनी चाहिए. विभाजनकारी ताकतें लोकतंत्र को कमजोर करने, देश के भीतर और बाहर से समाज में खाई पैदा करने की साजिश रच रही हैं.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार का निरंतर प्रयास है कि देश के युवाओं को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का पर्याप्त अवसर मिले.. मेरी सरकार पेपर लीक की हालिया घटनाओं की निष्पक्ष जांच के लिए प्रतिबद्ध है. दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी. इससे पहले भी हमने विभिन्न राज्यों में पेपर लीक होते देखा है. इसके लिए दलगत राजनीति से ऊपर उठकर संसद द्वारा एक सख्त कानून बनाने की जरूरत है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, एक सशक्त भारत के लिए हमारी सेनाओं में आधुनिकता जरूरी है. युद्ध की स्थिति में हम सर्वश्रेष्ठ बनें-इसके लिए सेनाओं में सुधार की प्रक्रिया निरंतर चलती रहनी चाहिए. इसी सोच के साथ मेरी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं…पिछले एक दशक में हमारा रक्षा निर्यात 18 गुना बढ़कर 21,000 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, मेरी सरकार ने CAA कानून के तहत शरणार्थियों को नागरिकता देना शुरू कर दिया है. इससे बंटवारे से पीड़ित अनेक परिवारों के लिए सम्मान का जीवन जीना तय हुआ है. जिन परिवारों को CAA के तहत नागरिकता मिली है मैं उनके बेहतर भविष्य की कामना करती हूं.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि के तहत देश के किसानों को 3 लाख 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि प्रदान की है. मेरी सरकार के नए कार्यकाल की शुरुआत से अब तक 20,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि किसानों को हस्तांतरित की जा चुकी है. सरकार ने खरीफ फसलों के लिए MSP में भी रिकॉर्ड बढ़ोतरी की है. आज का भारत अपनी वर्तमान जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अपनी कृषि व्यवस्था में बदलाव कर रहा है. आजकल दुनिया में जैविक उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है. भारतीय किसानों के पास इस मांग को पूरा करने की पूरी क्षमता है इसलिए सरकार प्राकृतिक खेती और इससे जुड़े उत्पादों की सप्लाई चेन को सशक्त कर रही है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में जैसे नॉर्थ ईस्ट का जिक्र किया, विपक्षी सांसदों ने हंगामा मचाया. सांसदों ने इस दौरान नारे लगाए.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, आने वाला समय ग्रीन एरा यानि हरित युग का है. सरकार इसके लिए भी हर ज़रूरी कदम उठा रही है. हम हरित उद्योगों पर निवेश बढ़ा रहे हैं, जिससे ग्रीन जॉब भी बढ़े हैं.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, ये दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव था. करीब 64 करोड़ मतदाताओं ने उत्साह और उमंग के साथ अपना कर्तव्य निभाया है. इस बार भी महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर मतदान में हिस्सा लिया है. इस चुनाव की बहुत सुखद तस्वीर जम्मू-कश्मीर से भी सामने आई है. कश्मीर घाटी में वोटिंग के अनेक दशकों के रिकॉर्ड टूटे हैं.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, मेरी सरकार अर्थव्यवस्था के तीनों स्तंभों -विनिर्माण, सेवाएं और कृषि को बराबर महत्व दे रही है. PLI योजनाओं और व्यापार करने में आसानी से बड़े पैमाने पर निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं. पारंपरिक सेक्टर्स के साथ-साथ सनराइज सेक्टर्स को भी मिशन मोड पर बढ़ावा दिया जा रहा है.
राष्ट्रपति ने कहा, रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफार्म के संकल्प ने आज भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना दिया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा, देश में छह दशक के बाद पूर्ण बहुमत वाली स्थिर सरकार बनी है. लोगों ने इस सरकार पर तीसरी बार भरोसा जताया है. लोग जानते हैं कि सिर्फ यही सरकार उनकी आकांक्षाओं को पूरा कर सकती है…18वीं लोकसभा कई मायनों में ऐतिहासिक लोकसभा है.
उन्होंने कहा, इस लोकसभा का गठन अमृतकाल के शुरुआती वर्षों में हुआ था. यह लोकसभा देश के संविधान को अपनाने के 56वें ​​वर्ष की भी साक्षी बनेगी…आगामी सत्रों में यह सरकार अपने कार्यकाल का पहला बजट पेश करने जा रही है. यह बजट सरकार की दूरगामी नीतियों और भविष्य के विजन का प्रभावी दस्तावेज होगा. बड़े आर्थिक और सामाजि
 

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