उच्चतम न्यायालय ने देश भर में वन संरक्षण के लिए सोमवार को कई निर्देश जारी करते हुए कहा कि वन भूमि पर चिड़ियाघर खोलने या ‘सफारी' शुरू करने के किसी भी नए प्रस्ताव के लिए अब न्यायालय की मंजूरी की आवश्यकता होगी.
शीर्ष अदालत ने इस अभ्यावेदन पर गौर किया कि संरक्षण संबंधी 2023 के संशोधित कानून के तहत वन की परिभाषा में लगभग 1.99 लाख वर्ग किलोमीटर वन भूमि को ‘जंगल' के दायरे से बाहर रखा गया है और इसका उपयोग अन्य उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है.