अब ग्राहकों के लिए आ सकती है बुरी खबर | जहा एक बाजू देशभर में बजट की चर्चा हो रही है तो दूसरी तरफ 1 फरवरी से ई कॉमर्स प्लेटफार्म को लेकर नए नियम लागू होंगे | नए नियमो के अनुसार वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश वाली ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए संशोधित दिशा-निर्देश 1 फरवरी से लागू हो गया है | इस नए नियम के आने के बाद से अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी ऑनलाइन रिटेल कंपनियां उन फर्म के प्रोडक्ट्स को अपने प्लेटफॉर्म पर नहीं बेच सकेंगी, जिसमें उनकी किसी भी तरह से हिस्सेदारी होगी. यानी कंपनियां वो ही प्रोडक्ट्स बेच सकेंगी जिनमें उनकी कोई भूमिका ना हो. साथ ही ऑनलाइन कंपनियों के किसी भी प्रोडक्ट को एक्सक्लूसिव तरीके से बेचने पर भी पाबंदी लगाई गई है | यानी अब आपको एक्सक्लूसिव सेल का फायदा भी नहीं मिल सकेगा |नए नियमों को लाने की वजह ऑफलाइन खुदरा विक्रेताओं द्वारा की गई शिकायतें हैं. खुदरा विक्रेताओं ने शिकायत कर आरोप लगाया है कि ऑनलाइन रिटेलर्स भारी छूट दे रहे हैं, जिससे उनके व्यापार को नुकसान पहुंच रहा है. |
उदाहरण के तौर पर बात करें तो यदि आप अपने लेसेट्स MacBook Air के लिए USB टाइप-C टू USB 2.0 केबल खरीदना चाहते हैं तो आपके पास दो ऑप्शन है- पहला ऐपल का खुद का एडैप्टर जिसकी कीमत 3,000 रुपये से ज्यादा है | दूसरा अमेजन बेसिक केबल जिसकी कीमत 500 रुपये है | इन दोनों की क्वालिटी लगभग एक जैसी होती है | या दूसके शब्दों में कहें तो बजट में आपका काम हो जाएगा. लेकिन मोदी सरकारी के नए नियमों के आ जाने के बाद से अमेजन अपनी वेबसाइट पर इन केबल्स को नहीं बेच सकता |
अब ग्राहकों के लिए आ सकती है बुरी खबर | जहा एक बाजू देशभर में बजट की चर्चा हो रही है तो दूसरी तरफ 1 फरवरी से ई कॉमर्स प्लेटफार्म को लेकर नए नियम लागू होंगे | नए नियमो के अनुसार वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश वाली ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए संशोधित दिशा-निर्देश 1 फरवरी से लागू हो गया है | इस नए नियम के आने के बाद से अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी ऑनलाइन रिटेल कंपनियां उन फर्म के प्रोडक्ट्स को अपने प्लेटफॉर्म पर नहीं बेच सकेंगी, जिसमें उनकी किसी भी तरह से हिस्सेदारी होगी. यानी कंपनियां वो ही प्रोडक्ट्स बेच सकेंगी जिनमें उनकी कोई भूमिका ना हो. साथ ही ऑनलाइन कंपनियों के किसी भी प्रोडक्ट को एक्सक्लूसिव तरीके से बेचने पर भी पाबंदी लगाई गई है | यानी अब आपको एक्सक्लूसिव सेल का फायदा भी नहीं मिल सकेगा |नए नियमों को लाने की वजह ऑफलाइन खुदरा विक्रेताओं द्वारा की गई शिकायतें हैं. खुदरा विक्रेताओं ने शिकायत कर आरोप लगाया है कि ऑनलाइन रिटेलर्स भारी छूट दे रहे हैं, जिससे उनके व्यापार को नुकसान पहुंच रहा है. |
उदाहरण के तौर पर बात करें तो यदि आप अपने लेसेट्स MacBook Air के लिए USB टाइप-C टू USB 2.0 केबल खरीदना चाहते हैं तो आपके पास दो ऑप्शन है- पहला ऐपल का खुद का एडैप्टर जिसकी कीमत 3,000 रुपये से ज्यादा है | दूसरा अमेजन बेसिक केबल जिसकी कीमत 500 रुपये है | इन दोनों की क्वालिटी लगभग एक जैसी होती है | या दूसके शब्दों में कहें तो बजट में आपका काम हो जाएगा. लेकिन मोदी सरकारी के नए नियमों के आ जाने के बाद से अमेजन अपनी वेबसाइट पर इन केबल्स को नहीं बेच सकता |