15 दिसंबर से देशभर में सभी टोलप्लाजा पर लागू किया गया FASTag से न केवल टोल पर लगने वाली भीड़ कम हुई है बल्कि इसके जरिए चोरी हुई गाड़ियों को ढूंढने में भी पुलिस को मदद मिल रही है.
FASTag के चलते एक शख्स की चोरी हुई महिंद्रा स्कॉर्पियो कार केवल पांच घंटे में ही मिल गई. पुणे पुलिस ने ठाणे पुलिस की सहायता से GPS और FASTag की मदद से चोरी हुई कार को बरामद कर लिया. पुणे के रहने वाले बिल्डर राजेंद्र जगताप ने ये कार अगस्त 2019 में खरीदी थी. तभी जगताप के पास सुबह 04.38 और 06.00 बजे FASTag से 35 रुपये के दो टोल कटने के मैसेज आए. जब वो अपनी कार देखने गए तो वो गायब थी.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जगताप तुरंत मलवाडी पुलिस स्टेशन पहुंचे, लेकिन उन्हें कर्वेनगर पुलिस चौकी भेज दिया गया. यहां पुलिस कांस्टेबल गोविंद पंधारे ने GPS और FASTag की मदद से कार को ट्रैक किया. उन्हें पता चला कि कार ठाणे में है और उन्होंने मुंब्रा पुलिस स्टेशन में अपने दोस्त को फोन किया और उसकी लोकेशन के बारे में बताया. जिसके बाद ठाणे पुलिस ने कार को खोज निकाला.
जगताप ने अपनी कार में FASTag के साथ GPS भी लगवाया हुआ था. पुलिस ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि चोरों को ठाणे पुलिस की सक्रियता देख अंदेशा हो गया था कि कार में GPS लगा है. जिसके बाद उन्होंने GPS के तार काट दिए. लेकिन फिर भी चोर पुलिस को चकमा देने में सफल नहीं हुए. वो कार को एक सोसइटी के नजदीक खड़ा करके फरार हो गए. हालांकि FASTag लगनावे की समयसीमा बढ़ाकर 15 जनवरी, 2020 कर दी गई है.ये समयसीमा पहले 15 दिसंबर, 2019 थी.
15 दिसंबर से देशभर में सभी टोलप्लाजा पर लागू किया गया FASTag से न केवल टोल पर लगने वाली भीड़ कम हुई है बल्कि इसके जरिए चोरी हुई गाड़ियों को ढूंढने में भी पुलिस को मदद मिल रही है.
FASTag के चलते एक शख्स की चोरी हुई महिंद्रा स्कॉर्पियो कार केवल पांच घंटे में ही मिल गई. पुणे पुलिस ने ठाणे पुलिस की सहायता से GPS और FASTag की मदद से चोरी हुई कार को बरामद कर लिया. पुणे के रहने वाले बिल्डर राजेंद्र जगताप ने ये कार अगस्त 2019 में खरीदी थी. तभी जगताप के पास सुबह 04.38 और 06.00 बजे FASTag से 35 रुपये के दो टोल कटने के मैसेज आए. जब वो अपनी कार देखने गए तो वो गायब थी.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जगताप तुरंत मलवाडी पुलिस स्टेशन पहुंचे, लेकिन उन्हें कर्वेनगर पुलिस चौकी भेज दिया गया. यहां पुलिस कांस्टेबल गोविंद पंधारे ने GPS और FASTag की मदद से कार को ट्रैक किया. उन्हें पता चला कि कार ठाणे में है और उन्होंने मुंब्रा पुलिस स्टेशन में अपने दोस्त को फोन किया और उसकी लोकेशन के बारे में बताया. जिसके बाद ठाणे पुलिस ने कार को खोज निकाला.
जगताप ने अपनी कार में FASTag के साथ GPS भी लगवाया हुआ था. पुलिस ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि चोरों को ठाणे पुलिस की सक्रियता देख अंदेशा हो गया था कि कार में GPS लगा है. जिसके बाद उन्होंने GPS के तार काट दिए. लेकिन फिर भी चोर पुलिस को चकमा देने में सफल नहीं हुए. वो कार को एक सोसइटी के नजदीक खड़ा करके फरार हो गए. हालांकि FASTag लगनावे की समयसीमा बढ़ाकर 15 जनवरी, 2020 कर दी गई है.ये समयसीमा पहले 15 दिसंबर, 2019 थी.