भारतीय कपास संघ ने एक अक्तूबर 2018 से शुरु होने वाले कपास वर्ष में कपास उत्पाद के बारे में अपने पिछले अनुमान को पांच लाख गांठ कम कर 330 लाख गांठ कर दिया है। घरेलू उत्पादन में इस कमी से कपास आयात 80 प्रतिशत बढ़ सकता है। सीएआई ने यहां बृहस्पतिवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि इससे पूर्व के दिसंबर अनुमान में सीएआई ने कपास उत्पादन 335 लाख गांठ रहने का अनुमान लगाया था। कपास विपणन वर्ष एक अक्ट्रबर 2018 से शुरु होता है।
सीएआई के अध्यक्ष अतुल गणत्र ने बताया, ‘‘वर्ष 2009 में कपास उत्पादन सबसे कम यानी 305 लाख गांठ था जबकि वर्ष 2015-16 में यह 332 लाख गांठ था। इस वर्ष यह दूसरा सबसे कम स्तर यानी 330 लाख गांठ रहने का अनुमान है।’’ कपास का आयात 12 लाख गांठ अधिक यानी 27 लाख गांठ होने का अनुमान है जबकि पिछले वर्ष यह आयात 15 लाख गांठ ही थी। सीएआई ने कपास की खपत 316 लाख गांठ होने का अनुमान लगाया है जो पिछले महीने के अनुमानित खपत के आंकड़े की तुलना में चार लाख गांठ कम है।
भारतीय कपास संघ ने एक अक्तूबर 2018 से शुरु होने वाले कपास वर्ष में कपास उत्पाद के बारे में अपने पिछले अनुमान को पांच लाख गांठ कम कर 330 लाख गांठ कर दिया है। घरेलू उत्पादन में इस कमी से कपास आयात 80 प्रतिशत बढ़ सकता है। सीएआई ने यहां बृहस्पतिवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि इससे पूर्व के दिसंबर अनुमान में सीएआई ने कपास उत्पादन 335 लाख गांठ रहने का अनुमान लगाया था। कपास विपणन वर्ष एक अक्ट्रबर 2018 से शुरु होता है।
सीएआई के अध्यक्ष अतुल गणत्र ने बताया, ‘‘वर्ष 2009 में कपास उत्पादन सबसे कम यानी 305 लाख गांठ था जबकि वर्ष 2015-16 में यह 332 लाख गांठ था। इस वर्ष यह दूसरा सबसे कम स्तर यानी 330 लाख गांठ रहने का अनुमान है।’’ कपास का आयात 12 लाख गांठ अधिक यानी 27 लाख गांठ होने का अनुमान है जबकि पिछले वर्ष यह आयात 15 लाख गांठ ही थी। सीएआई ने कपास की खपत 316 लाख गांठ होने का अनुमान लगाया है जो पिछले महीने के अनुमानित खपत के आंकड़े की तुलना में चार लाख गांठ कम है।