Added on : 2019-03-19 15:30:33
लोकसभा चुनाव का प्रचार पुरे जोश के साथ चल रहा है. राहुल गाँधी और देश का वडा प्रधान नरेन्द्र मोदी बड़ी बड़ी सभा ए संबोधन कर रहे है. इस बिच मोदी सरकार को गिराने का सभी प्रयत्न विरोधी दल कर रहे है. मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले सभी दलों के नेता कई बार एक मंच पर साथ आ चुके हैं. यहां तक कि गठबंधन के न्यूनतम साझा प्रोग्राम पर भी मंथन हो चुका है, लेकिन चुनाव नजदीक आते-आते राज्यों में बड़ा दखल रखन वाले ये दल कांग्रेस से अलग खड़े नजर आ रहे हैं और बिना कांग्रेस को साथ लिए ही चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रस को नैया पार होने का विश्वास, यह कन्फ्यूजन हैलोकसभा चुनाव का प्रचार पुरे जोश के साथ चल रहा है. राहुल गाँधी और देश का वडा प्रधान नरेन्द्र मोदी बड़ी बड़ी सभा ए संबोधन कर रहे है. इस बिच मोदी सरकार को गिराने का सभी प्रयत्न विरोधी दल कर रहे है. मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले सभी दलों के नेता कई बार एक मंच पर साथ आ चुके हैं. यहां तक कि गठबंधन के न्यूनतम साझा प्रोग्राम पर भी मंथन हो चुका है, लेकिन चुनाव नजदीक आते-आते राज्यों में बड़ा दखल रखन वाले ये दल कांग्रेस से अलग खड़े नजर आ रहे हैं और बिना कांग्रेस को साथ लिए ही चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रस को नैया पार होने का विश्वास, यह कन्फ्यूजन है
लोकसभा चुनाव का प्रचार पुरे जोश के साथ चल रहा है. राहुल गाँधी और देश का वडा प्रधान नरेन्द्र मोदी बड़ी बड़ी सभा ए संबोधन कर रहे है. इस बिच मोदी सरकार को गिराने का सभी प्रयत्न विरोधी दल कर रहे है. मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले सभी दलों के नेता कई बार एक मंच पर साथ आ चुके हैं. यहां तक कि गठबंधन के न्यूनतम साझा प्रोग्राम पर भी मंथन हो चुका है, लेकिन चुनाव नजदीक आते-आते राज्यों में बड़ा दखल रखन वाले ये दल कांग्रेस से अलग खड़े नजर आ रहे हैं और बिना कांग्रेस को साथ लिए ही चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रस को नैया पार होने का विश्वास, यह कन्फ्यूजन हैलोकसभा चुनाव का प्रचार पुरे जोश के साथ चल रहा है. राहुल गाँधी और देश का वडा प्रधान नरेन्द्र मोदी बड़ी बड़ी सभा ए संबोधन कर रहे है. इस बिच मोदी सरकार को गिराने का सभी प्रयत्न विरोधी दल कर रहे है. मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले सभी दलों के नेता कई बार एक मंच पर साथ आ चुके हैं. यहां तक कि गठबंधन के न्यूनतम साझा प्रोग्राम पर भी मंथन हो चुका है, लेकिन चुनाव नजदीक आते-आते राज्यों में बड़ा दखल रखन वाले ये दल कांग्रेस से अलग खड़े नजर आ रहे हैं और बिना कांग्रेस को साथ लिए ही चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रस को नैया पार होने का विश्वास, यह कन्फ्यूजन है