विपक्षी दलों की एकजुटता पर उठाते सवालों को संप्रदायिक सोच वाले खास तबके की रणनीति का नतीजा बताते हुए माकपा के महासचिव सीताराम एचुरी का कहना है कि इस चुनाव में सपा बसपा जैसे धुर विरोधी भी एकजुट हुए है. यह भाजपा आरएसएस की घातक नीतियों के खिलाफ बने जनमानस की ही नतीजा है जिसने देशहित में जन्मजात राजनीतिक विरोधियों के मिलने की जमीन तैयार की. एचुरी ने पीटीआई भाषा को बताया कि इस चुनाव का मकसद महज सत्ता प्ररिवर्तन नहीं है बल्कि भाजपा आरएसएस की विखंडनकारी नीतियों से देश को निजात दिलाना है. इसलिए यह चुनाव स्वतंत्र भारत का सबसे अहम चुनाव बन गया है.

 

" />
Know your world in 60 words - Read News in just 1 minute
हॉट टोपिक
Select the content to hear the Audio

Added on : 2019-03-31 13:09:03

विपक्षी दलों की एकजुटता पर उठाते सवालों को संप्रदायिक सोच वाले खास तबके की रणनीति का नतीजा बताते हुए माकपा के महासचिव सीताराम एचुरी का कहना है कि इस चुनाव में सपा बसपा जैसे धुर विरोधी भी एकजुट हुए है. यह भाजपा आरएसएस की घातक नीतियों के खिलाफ बने जनमानस की ही नतीजा है जिसने देशहित में जन्मजात राजनीतिक विरोधियों के मिलने की जमीन तैयार की. एचुरी ने पीटीआई भाषा को बताया कि इस चुनाव का मकसद महज सत्ता प्ररिवर्तन नहीं है बल्कि भाजपा आरएसएस की विखंडनकारी नीतियों से देश को निजात दिलाना है. इसलिए यह चुनाव स्वतंत्र भारत का सबसे अहम चुनाव बन गया है.

 

विपक्षी दलों की एकजुटता पर उठाते सवालों को संप्रदायिक सोच वाले खास तबके की रणनीति का नतीजा बताते हुए माकपा के महासचिव सीताराम एचुरी का कहना है कि इस चुनाव में सपा बसपा जैसे धुर विरोधी भी एकजुट हुए है. यह भाजपा आरएसएस की घातक नीतियों के खिलाफ बने जनमानस की ही नतीजा है जिसने देशहित में जन्मजात राजनीतिक विरोधियों के मिलने की जमीन तैयार की. एचुरी ने पीटीआई भाषा को बताया कि इस चुनाव का मकसद महज सत्ता प्ररिवर्तन नहीं है बल्कि भाजपा आरएसएस की विखंडनकारी नीतियों से देश को निजात दिलाना है. इसलिए यह चुनाव स्वतंत्र भारत का सबसे अहम चुनाव बन गया है.

 

आज की बात

हेडलाइंस

अच्छी खबर

शर्मनाक

भारत

दुनिया