आज भले ही डांस की अलग-अलग फॉर्म्स और स्टाइल देखने को मिलती हैं, लेकिन क्लासिकल डांस की बात ही कुछ और है। कंटेम्प्ररी से हिप-हॉप जैसे डांस फॉर्म्स होने के बावजूद भी क्लासिकल डांस फॉर्म्स के फैंस की कमी नहीं है। भारत की नृत्य कला और आर्टिस्ट को सम्मान देने के लिए खजुराहो डांस फेस्टिवल 20 फरवरी से शुरू हो रहा है। इस फेस्टिवल में विभिन्न आर्टिस्ट कथक, भरतनाट्यम, ओडिसी, कुचीपुड़ी, मनीपुरी और कथकली जैसे डांस फॉर्म्स में अपना जलवा दिखाएंगे।
आज भले ही डांस की अलग-अलग फॉर्म्स और स्टाइल देखने को मिलती हैं, लेकिन क्लासिकल डांस की बात ही कुछ और है। कंटेम्प्ररी से हिप-हॉप जैसे डांस फॉर्म्स होने के बावजूद भी क्लासिकल डांस फॉर्म्स के फैंस की कमी नहीं है। भारत की नृत्य कला और आर्टिस्ट को सम्मान देने के लिए खजुराहो डांस फेस्टिवल 20 फरवरी से शुरू हो रहा है। इस फेस्टिवल में विभिन्न आर्टिस्ट कथक, भरतनाट्यम, ओडिसी, कुचीपुड़ी, मनीपुरी और कथकली जैसे डांस फॉर्म्स में अपना जलवा दिखाएंगे।