करवा चौथ 27 अक्टूबर को है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी है। माना जाता है इस मुहूर्त में किया गया हर कार्य सफल होता है और इस दौरान की गई पूजा, व्रत का लाभ ज्यादा मिलता है।
करवा चौथ का पूजन भारतीय महिलाएं सौभाग्य की वृद्धि और पति की लंबी आयु के लिए करती हैं। इस दिन शुभ मुहूर्त में पूजन और व्रत का समापन किया जाता है।
करवा चौथ पर सुहागिन महिलाओं द्वारा दिनभर निर्जला व्रत रखकर शाम के समय प्रदोष काल (गोधुली बेला) में एवं निशीथ काल (मध्य रात्रि) के मध्य भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश, कुमार कार्तिकेय कुमार कार्तिकेय आदि देवताओं की
षोडशोपचार विधि सेपूजन करने के साथ-साथ सुहाग के वस्तुओं की भी पूजा की जाती है। चंद्रमा का पूजन, दर्शन और अर्घ्य देने के बाद ही भोजन ग्रहण किया जाता है।
दिल्ली में इस दिन चंद्रमा रात्रि 07 बजकर 58 मिनट पर उदय होंगे। इस समय विधि-विधान से पूजा पाठ शुरू कर सकते हैं। लेकिन सर्वार्थ सिद्धि योग में पूजन करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होगी।
इसलिए इसी अवधि में पूजा के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देना अति उत्तम होगा।
करवा चौथ 27 अक्टूबर को है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी है। माना जाता है इस मुहूर्त में किया गया हर कार्य सफल होता है और इस दौरान की गई पूजा, व्रत का लाभ ज्यादा मिलता है।
करवा चौथ का पूजन भारतीय महिलाएं सौभाग्य की वृद्धि और पति की लंबी आयु के लिए करती हैं। इस दिन शुभ मुहूर्त में पूजन और व्रत का समापन किया जाता है।
करवा चौथ पर सुहागिन महिलाओं द्वारा दिनभर निर्जला व्रत रखकर शाम के समय प्रदोष काल (गोधुली बेला) में एवं निशीथ काल (मध्य रात्रि) के मध्य भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश, कुमार कार्तिकेय कुमार कार्तिकेय आदि देवताओं की
षोडशोपचार विधि सेपूजन करने के साथ-साथ सुहाग के वस्तुओं की भी पूजा की जाती है। चंद्रमा का पूजन, दर्शन और अर्घ्य देने के बाद ही भोजन ग्रहण किया जाता है।
दिल्ली में इस दिन चंद्रमा रात्रि 07 बजकर 58 मिनट पर उदय होंगे। इस समय विधि-विधान से पूजा पाठ शुरू कर सकते हैं। लेकिन सर्वार्थ सिद्धि योग में पूजन करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होगी।
इसलिए इसी अवधि में पूजा के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देना अति उत्तम होगा।