नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी ने शनिवार को कहा, "गोडसे ने गांधी के शरीर की हत्या की थी लेकिन प्रज्ञा जैसे लोग उनकी आत्मा की हत्या के साथ अहिंसा, शांति, सहिष्णुता और भारत की आत्मा की हत्या कर रहे हैं." उन्होंने कहा कि 'छोटे फायदे का मोह छोड़' प्रज्ञा को निकाल कर बीजेपी राजधर्म निभाए.